चंदौली। हद है! सपा के राष्ट्रीय सचिव व पूर्व विधायक पशु पालकों की समस्या लेकर शनिवार को राजकीय पशु चिकित्सालय सैयदराजा पहुंचे तो अस्पताल बंद मिला। पशु चिकित्साधिकारी कक्ष के बाहर ताला लटक रहा था। उन्होंने फोन पर चिकित्सक से बात की तो भागे-भागे आए। पूर्व विधायक ने मुड्डा के पशुपालक श्यामलाल से अभद्र आचरण की शिकायत की तो चिकित्साधिकारी बगलें झांकने लगे। पूर्व विधायक ने चेताया कि जनता के साथ ऐसा आचरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने एसडीएम से फोेन पर बात कर इसकी शिकायत की।
पूर्व विधायक ने आरोप लगाया कि पशु पालक की 10 बकरियां मर गईं। अपनी समस्या लेकर पशु चिकित्साधिकारी से मिले तो संवेदना व्यक्त करने की बजाय अभद्र व्यवहार किया। इसी शिकायत को लेकर पूर्व विधायक पशु चिकित्सालय पहुंचे तो वह बंद मिला। बाद में डाक्टर पहुंचे तो पूर्व विधायक ने नैतिकता का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि अस्पताल पर आपकी तैनाती पशुपालकों को उचित चिकित्सकीय परामर्श व मवेशियों के इलाज के लिए की गई है। लेकिन आप शासन-प्रशासन की मंशा के विपरीत मनमाने ढंग से कार्य कर रहे हैं। प्रदेश का दुर्भाग्य है कि यहां मुख्यमंत्री की बात अफसर नहीं सुनते और अफसरों की बात कर्मचारी नजरअंदाज कर रहे है। पूरे प्रदेश का आज यही हाल है। सरकार बदली तो ऐसी कार्य प्रणाली पर फौरन लगाम लगाया जाएगा। अंत में उन्होंने पशु चिकित्साधिकारी को चेताया कि अपनी कार्य प्रणाली में बदलाव लाएं और जनता के हित में कार्य करें।