चंदौली। अपर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश डा. रजनीश दुबे ने जनपद का दौरा किया। इस दौरान निराश्रित गोवंश सड़कों पर घूमते दिखाई दिए। इसको लेकर उन्होंने मुख्यालय स्थित पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में निराश्रित गोवंश संरक्षण मूल्यांकन एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में अधिकारियों की क्लास लगाई। बोले, पशुपालन विभाग ने बाहर घूमते निराश्रित गोवंश की संख्या रिपोर्ट में शून्य दर्शायी है, जबकि मैनें खुद गोवंश को बाहर घूमते देखा। यह अत्यंत गंभीर विषय है। निराश्रित गोवंश को पकड़कर जल्द से जल्द गोवंश आश्रय स्थलों में पहुंचाया जाए। उनकी देखभाल की जाए। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा कि पशुओं के लिए हरा चारा, भूसा, खरी सहित दवाओं का पर्याप्त प्रबंध होना चाहिए। सरकार की मंशा है कि सभी निराश्रित पशुओं को आश्रय स्थलों में रखकर उनका बेहतर देखभाल सुनिश्चित हो। कोई भी निराश्रित पशु सड़कों, गांवो, खेत खलिहानों में विचरण ना करें इसके लिए उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक कर सभी निराश्रित पशुओं को गो आश्रय स्थलों में संरक्षित किया जाए। उन्होंने निराश्रित पशु जो सुपुर्द किये गए हैं उनको एक सप्ताह के भीतर रैंडम जांच करने व रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। कैटल कैचर का सभी तहसीलों में खरीद सुनिश्चित किया जाए और उसका उपयोग करते हुए निराश्रित पशुओं को आश्रय स्थलों में भेजा जाए। बिहार प्रांत में पशुओं को न जाए इसके लिए पुलिस विभाग व संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि पशु आश्रय स्थलों पर महीने में एक बार सभी पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण अवश्य कराया जाए। साथ जो पशु कमजोर हैं, उनको मल्टीविटामिन एवं कैल्सियम दिया जाय। उन्होंने उपजिलाधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि तहसील व ब्लाक स्तरों पर यदि चरागाह की भूमि पर हुए अवैध कब्जा है तो आवश्यक कार्यवाही करते हुए कब्जा मुक्त कराया जाए। स्थलों पर निराश्रित पशुओं के लिए हरा चारा उगाया जाए। बैठक में एडीएम उमेश मिश्रा, सीडीओ डा. एसएन श्रीवास्तव, डीडीओ, सीवीओ, डीपीआरओ, डीसी मनरेगा, जिला कृषि अधिकारी समेत अन्य विभागीय अफसर मौजूद रहे।