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संस्कृति एवं ज्योतिष

दिवाली पर आखिर क्यों लगाते हैं दीये से बना काजल? इसके पीछे की वजह जान कर हो जाएंगे हैरान

दीपावली का त्यौहार प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की अमाव्सया तिथि को मनाया जाता है। दीपावली के दिन दीये जलाने की प्रथा है और इस दिन मां लक्ष्मी संग भगवान गणेश की पूजा मुख्य रूप से की जाती है। दीपावली का पर्व अनेक मान्यताओं से जुड़ा है जैसे कि मां लक्ष्मी की कृपा से घर में धन आगमन होना, दीये जालाने से प्रकाश के रूप में सकारात्मक ऊर्जा का घर में वास करना और इसी के साथ ऐक मान्यता है कि दीपावली के दिन जो दिया जलाते हैं। उस दिये से काजल बनाना, जो धन संचय से लेकर नजर न लगने तक शुभ माना जाता है। आज हम आपको दीपावली से जुड़ी काजल लगाने की प्रथा के बारे में बताने जा रहे हैं।

दीपावली पर इस तरह करें काजल तैयार
दीपावली के दिन काजल बनाने की मान्यता वर्षों पुरानी है। यदि आप दीपावली की पूजा के शुभ फल पाना चाहते हैं तो काजल को दिये से बना सकते हैं। काजल बनाने के लिए एक मिट्टि का दिया लें उसमें तेल भर दें। तेल भरने के बाद उसमें रूई की बत्ती रख दें। रूई की बत्ती काजल में पिरोने के बाद उस दीये को पूजा स्थल की जगह पर ले जलाएं। दीये को जलाने के बाद उसकी लौ के ऊपर एक और दीये का मूह उल्टा कर के रख दें और उसे रात भर जलने दें। सुबह उठ कर स्नान करने के बाद ढके हुए दीये को हटा दें। उसमें दीये की लौ रात भर जलने के कारण उसमे काजल बन जाएगा। उस काजल को एक छोटी डिब्बी में भर कर थोड़ा सा देशी घी उसमे मिला कर रख लें और उसे घर के सभी सदस्यों को लगा दें। मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा के बाद दिये से काजल बनाने की प्रकिया शुरू करें।

दिये से बने काजल लगाने के कई फायदे
दीपावली की रात बने काजल को आंखों लगाने से बुरी नजर या नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव नहीं पड़ता है।
जीवन में आ रही परेशानियों से शीघ्र छुटकारा मिलता है।
यदि आप दीपावली के दिन बनें काजल को लगाते हैं तो आपको इसका शुभ फल मिलता है और जीवन में अपार सफलता मिलती है।
दीपावली प्रकाश का पर्व है इस काजल को लगाने से सकारात्मक विचारों से आप अपने हर कार्य को पूर्ण कर सकते हैं।
यदि दीपावली के दिन बने काजल को आप अपने घर की तिजोरी या दुकान पर रखी तिजोरी में लगाते हैं तो आपके धन पर दूसरों की बुरी नजर का असर नहीं होगा। ऐसा करने से आपको कभी भी धन हानी नहीं होगी और पैसों को बरकत होगी।

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