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Chandauli news: पत्नियों के जरिए चेयरमैन की कुर्सी पर काबिज होने का सपना देख रहे बीजेपी के निवर्तमान अध्यक्षों की दावेदारी इस वजह से हुई दरकिनार

चंदौली। वैसे नगर पालिका परिषद पीडीडीयू नगर और नगर पंचायत सैयदराजा का इतिहास रहा है कि यहां एक ही व्यक्ति लगातार दो दफा अध्यक्ष पद की कुर्सी पर नहीं बैठ सका है। हालांकि इस दफा दोनों  निकायों में अध्यक्ष का पद महिलाओं के लिए आरक्षित था। लिहाजा बीजेपी समर्थित निवर्तमान अध्यक्ष संतोष खरवार और विरेंद्र जायसवाल अपनी पत्नियों के टिकट  को लेकर आशांवित थे। लेकिन रविवार को प्रत्याशियों की सूची जारी होने के साथ ही दोनों की आशाओं पर पानी फिर गया। पत्नियों के जरिए अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज होने का सपना चकनाचूर हो गया। खबर के जरिए कारणों को जानने का प्रयास करेंगे कि आखिर क्यों पार्टी ने दोनों की दावेदारी एक झटके में खारिज कर दी।

 

जनता के भरोसे पर खरा नहीं उतर सके निवर्तमान अध्यक्ष
नगर पालिका परिषद पीडीडीयू नगर के निवर्तमान अध्यक्ष संतोष खरवार की पत्नी शशि खरवार टिकट की रेस में शामिल थीं। उनकी दावेदारी को दरकिनार करते हुए पार्टी ने 60 वर्ष की मालती देवी को टिकट दे दिया है। वैसे संतोष खरवार की छवि साफ-सुथरी थी। लेकिन नगर पालिका में विकास का पहिया उस तरह से नहीं घूमा जिसकी जनता को दरकार थी। केंद्र और प्रदेश में सरकार होने के बाद भी नगर का विकास नहीं हो सका। बिजली पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं का टोटा बना रहा। हालांकि कोरोना भी काफी हद तक विकास में रोड़ा बना।  जनता के बीच अच्छी छवि नहीं बन सकी। वहीं सैयदराजा से बीजेपी ने रीता जायसवाल को अध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनाया है। जबकि निवर्तमान चेयरमैन विरेंद्र जायसवाल अपनी पत्नी कृष्णावती देवी के टिकट को लेकर खासे आश्वस्त थे। बीजेपी के एक बड़े नेता से उनकी नजदीकी भी दावेदारी को पुख्ता कर रही थी। लेकिन पार्टी ने नए चेहरे पर भरोसा जताया। विकास के लिहाज से सैयदराजा की स्थिति और भी खराब है। जो काम हुए उसमें भी गुणवत्ता का अभाव देखने को मिला। अध्यक्ष पर भ्रष्टाचार से जुड़े आरोप लगते रहे। खासकर आवास आवंटन में कई शिकायतें आईं। पार्टी के आंतरिक सर्वे में जनता से जो फीडबैक आया उसी के आधार पर पार्टी ने टिकट में बदलाव किया।

 

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