
चंदौली। चाचा और भतीजे की राजनीतिक प्रतिद्वंदिता ने इस कहानी को जन्म दिया। अलीनगर (Alinagar) क्षेत्र के अमोघपुर गांव में हुई अनोखी तेरहवीं गांव और क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। मृतक की उसके दो पुत्रों ने एक ही दिन अलग-अलग तेरहवीं की। ग्रामीण और नाते-रिश्तेदार भी उलझन में रहे कि कहां जाएं और कहां न जाएं।
अब इस कहानी को विस्तार से समझिए। अमोघपुर गांव निवासी 85 वर्षीय रामनिहोर चौहान का विगत 17 नवंबर को निधन हो गया। रामनिहोर के चार पुत्र हैं। सबसे बड़े आजाद उसके बाद रामबली, लालव्रत फिर संजय चौहान। लालव्रत पूर्व में गांव के प्रधान रह चुके हैं। इस बार के पंचायत चुनाव में लालव्रत को उनके ही भतीजे सुनील ने चुनौती दे दी और नजदीकी मुकाबले में अपने चाचा को शिकस्त भी दे दी। यहीं से दोनों परिवारों के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंदिता की नींव पड़ी और खटास चुनाव के बाद भी कम नहीं हुई। रामनिहोर मरे तो दोनों ही परिवारों ने एक ही दिन अलग-अलग तेरवहीं भोज का आयोजन कर दिया। दोनों ही तरफ से ग्रामीणों और रिश्तेदारों को आमंत्रित किया गया। ग्रामीण भी उलझन में रहे कि किधर जाएं और किसके यहां खाएं। बहरहाल इस अनोखी तेरहवीं की गांव में खूब चर्चा रही।