- राजदरी-देवदरी वाटर फाल को भी वर्ष भर मिलेगा पानी, आएंगे पर्यटक
- योगी सरकार ने बांध की मरम्मत की पहल की, 12.58 करोड़ बजट स्वीकृत
- 2002 में बांध सुरक्षा प्रकोष्ठ ने चन्द्रप्रभा डैम को घोषित किया संकटग्रस्त
चंदौली। पिछले दो दशकों से संकटग्रस्त घोषित चंद्रप्रभा डैम का जीर्णोद्धार कराया जाएगा। इसके लिए सरकार ने 12.58 करोड़ बजट स्वीकृत किया है। बांध की मरम्मत होने से इससे जुड़ी 53 नहरें हर वक्त लबालब रहेंगी। वहीं राजदरी-देवदरी जलप्रपात को भी पानी मिलता रहेगा। इससे पर्यटकों की आमद बढ़ेगी और जिले में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। बांध से जुड़ी 53 नहरों के जरिए धान व गेहूं के सीजन में लगभग पांच हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होती है।
चंदौली की अर्थव्यवस्था ज्यादातर कृषि व पर्यटन पर निर्भर है। चंद्रप्रभा डैम सिंचाई का मुख्य स्रोत है। हालांकि पिछले 20 वर्षो से इसे संकटग्रस्त घोषित किया जा चुका था। इससे लगभग पांच हजार हेक्टेयर फसल की सिंचाई की समस्या पैदा हो गई थी। बांध के स्पिलवे बॉडी एवं स्लूस गेटों से पानी का रिसाव हो रहा है। स्पिलवे के डाउन स्ट्रीम में सिस्टर्न बेसिन क्षतिग्रस्त हो गया है। बांध का आपातकालीन गेट क्षतिग्रस्त है। बांध की मौजूदा स्थिति के कारण जल का पूर्ण क्षमता से भण्डारण नहीं हो पा रहा और पानी के लीकेज से नहरों से पूरी क्षमता के अनुरूप सिंचाई का काम, पशुओं व वन्य जीवों को साल भर पेयजल की व्यवस्था प्रभावित हो रही है। जिलाधिकारी ईशा दुहन ने बताया कि डैम के मरम्मत और पुनरुद्धार के बाद 323 मिलियन घन फीट पानी के अतिरिक्त पानी भण्डारण किया जा सकेगा। जिससे 3248 हेक्टेयर रबी एवं 1516 हेक्टेयर खरीफ की अतिरिक्त फसल की सिंचाई की जा सकेगी।
1956 में बना चंद्रप्रभा बांध
डीएम ने बताया कि चंद्रप्रभा बांध 1956 में बना है। इसकी मरम्मत और पुनरुद्धार से कृषि व पर्यटकों के लिए वरदान साबित होगा। जिले के अन्य बांधों के विपरीत चन्द्रप्रभा बांध केवल वर्षा के जल पर ही निर्भर है, अन्य किसी नदी या बांध से इस में पानी नहीं आता है। जिले के हज़ारो किसान इसी बांध के पानी से सिंचाई के लिए निर्भर हैं। साथ ही जिले के दो मुख्य जल प्रपात राजदरी और देवदरी में भी इसी बांध के पानी पर निर्भर हैं। इस प्रोजेक्ट से ना केवल जल रिसाव की समस्या का समाधान होगा बल्कि प्रत्येक वर्ष के मरम्मत आसान होगा साथ ही बांध की आयु बढ़ेगी। चन्द्रप्रभा डैम के मरम्मत और जीर्णोद्धार की लागत 1258 .07 लाख रुपये की स्वीकृति शासन से मिल गई है। धन आवंटित होते ही काम शुरू होगा।