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Chandauli News : प्रेमी ने साथियों के साथ मिल कर दी थी प्रेमिका के पति की हत्या, अदालत ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा, 25-25 हजार जुर्माना लगाया

चंदौली। अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने हत्या के मुकदमे की सुनवाई करते हुए दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 25-25 हजार जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने जुर्माने की आधी धनराशि मृतका के मां को देने का आदेश दिया है। प्रेमी ने ही साथियों के साथ मिलकर प्रेमिका के पति की हत्या कर दी थी।

वादी मुकदमा बीरबल राजभर ने इस आशय की लिखित तहरीर सैयदराजा थाना में 20 अक्टूबर 2010 को दी कि उसका भांजा ताड़क राजभर अपनी मां के साथ उनके ही गांव में अपना निजी मकान बनवाकर काफी वर्षों से रह रहा था। 19 अक्टूबर 2010 को उसके भांजे के घर पर दो लड़के मोटर साइकिल से लगभग 7 बजे शाम को आए और उसके भांजे को पूछने लगे। मां ने बताया कि कहीं गांव में गया है, उनका भांजा घर आया तो दोनों लड़कों से पानी पीने के लिए कहा तब दोनों ने कहा कि वे पानी पीकर आए हैं और आपस में बात करके उसके भांजे को मोटर साइकिल पर बिठाकर लेकर चले गए। सुबह तेदुंहान गांव में सड़क किनारे धान के खेत में ताड़क की लाश मिली थी। उसकी गर्दन, पेट, पीठ व जांघ पर चोट के निशान थे। खून बह रहा था। बीरबल ने आरोप लगाया कि मोटर साइकिल से आए लड़कों ने ही उसके भांजे की हत्या कर लाश खेत में फेंक दी थी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना की तो पता चला कि दीपक राजभर कम्प्यूटर सेंटर तलाता था। शिवशक्ति उर्फ अमन पांडेय भी वहीं काम करता था। मृतक की पत्नी रीता राजभर भी कम्प्यूटर सेंटर पर पढ़ने जाती थी। दीपक राजभर व रीता में प्रेम संबंध हो गया, दीपक रीता से शादी करना चाहता था, लेकिन रीता के घरवालों ने उसकी शादी ताड़क से कर दी। इसके बाद दीपक राजभर ने अपने सेंटर के शिक्षक शिवशक्ति उर्फ अमन पांडेय तथा अपने मित्र जित्तू राजभर के साथ मिलकर ताड़क की हत्या कर दी। न्यायालय में मुकदमे के विचारण के दौरान कुल 12 साक्षी पेश हुए। उनके बयानों से उपरोक्त अभियुक्तों को घटना में संलिप्तता की पुष्टि के आधार पर दोषी करार दिया गया। न्यायालय ने यह भी फैसला दिया कि अर्थदंड अदा न कर सकने की स्थिति में प्रत्येक दोषसिद्धि की ओर से उक्त अधिरोपित अर्थदंड के सापेक्ष क्रमशः 2-2 वर्ष एवं 6-6 माह की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। अभियोजन की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी शशिशंकर सिंह एवं अपर जिला शासकीय अधिवक्ता संजय कुमार त्रिपाठी ने दलीलें पेश की।

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