चंदौली। जिले के नौगढ़ तहसील स्थित जयमोहनी भूर्तिया गांव में मंगलवार को स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही सामने आई। 30 वर्षीय प्रसूता गुड्डी ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया। परिजनों का आरोप लगा रहा कि फोन करने पर तीन घंटे में एंबुलेंस गांव पहुंची। अस्पताल पहुंचने में देरी से महिला की जान चली गई।
तीन घंटे की देरी, दो जिंदगियां गईं
गुड्डी के पति निर्मल ने बताया कि मंगलवार तड़के जब उसकी पत्नी को प्रसव पीड़ा शुरू हुई, तो उन्होंने 102 एंबुलेंस सेवा को तुरंत कॉल किया। लेकिन एंबुलेंस को गांव पहुंचने में तीन घंटे लग गए। इस दौरान गुड्डी दर्द से तड़पती रही। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगढ़ पहुंचने से पहले ही उसकी सांसें थम गईं। डॉक्टरों ने गुड्डी और उसके अजन्मे बच्चे को मृत घोषित कर दिया।
टूट गया परिवार, मातम में बदली खुशियां
मुंबई में मजदूरी करने वाले निर्मल ने अपने घर में एक नए सदस्य के स्वागत की तैयारी की थी। लेकिन अब वह अपनी पत्नी और अजन्मे बच्चे को खोकर पूरी तरह से टूट चुका है। उनके तीन वर्षीय बेटे सोनू के सिर से मां का साया छिन गया। जिस घर में खुशियां मनाई जानी थीं, वहां मातम छा गया।