
चंदौली। कोर्ट के आदेश के बाद कक्षा आठ तक पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों के लिए टेट (शिक्षक पात्रता परीक्षा) को अनिवार्य किए जाने का विरोध तेज हो गया है। सोमवार को संयुक्त शिक्षक मोर्चा ने मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में जुलूस के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे प्रधानमंत्री के नाम संबोधित मांग पत्र कलेक्ट्रेट में प्रभारी अधिकारी को सौंपा।
शिक्षकों ने कहा कि इस निर्णय से देशभर के लाखों शिक्षकों की सेवा सुरक्षा और आजीविका खतरे में पड़ जाएगी। टेट परीक्षा 2010 में लागू हुई थी, जबकि बड़ी संख्या में शिक्षक उससे पहले की पात्रताओं को पूरा कर नियुक्त हुए थे। ऐसे में नियुक्ति के वर्षों बाद टेट को अनिवार्य करना न्यायसंगत नहीं है।
लंबे समय से शिक्षा व्यवस्था को संभाल रहे अनुभवी शिक्षकों पर अचानक टेट की बाध्यता थोपना अन्यायपूर्ण है और इससे शिक्षा की निरंतरता भी प्रभावित होगी। उन्होंने मांग की कि सरकार इस नियम को केवल नई नियुक्तियों पर लागू करे।

