
वाराणसी। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में अपराध कर पाना मुश्किल है और अपराध कर दिया तो बच पाना नामुमकिन है। क्योंकि अपराधियों को उनकी सही जगह पहुंचाने के लिए योगी सरकार कटिबद्ध है। वाराणसी के रामनगर स्थित विधि विज्ञान प्रयोगशाला को अब ए ग्रेड का दर्जा मिल चुका है। एफएसएल के लिए नई बिल्डिंग बनेगी। फिर इस फोरेंसिक साइंस लैब में नार्को टेस्ट, ब्रेन मैपिंग, लाई डिटेक्टिंग, एकॉस्टिक टेस्ट, डीएनए, फोरेंसिक इंजिनयरिंग और विस्फोटक की भी जांच हो सकेगी। योगी सरकार उत्तर प्रदेश में कानून का राज कायम करने में सफल रही है। सरकार अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजने के लिए संकल्पित है। सरकार वाराणसी के फॉरेंसिक साइंस लैब को और अपग्रेड करने जा रही है। इसके लिए वाराणसी के रामनगर स्थित विधि विज्ञानशाला को ए ग्रेड का दर्जा पहले ही मिल चुका है। पूर्वांचल में हुए अपराध को बेनकाब करने के लिए वाराणसी की फॉरेंसिक साइंस लैब का अहम् किरदार है। इस लैब में कई तरह के अपराध से जुड़े मामले परीक्षण के लिए आते है। सभी तरह के परीक्षण की सुविधा पूर्वांचल के अन्य फोरेंसिक लैब में नहीं है। वाराणसी विधि विज्ञान प्रयोगशाला के डिप्टी डायरेक्टर आलोक शुक्ला ने बताया कि इस फोरेंसिक साइंस लैब को ए ग्रेड का दर्जा मिल गया है। जिसके लिए नई बिल्डिंग बनना प्रस्तावित है। नई फोरेंसिक लैब स्थापित होने के बाद वैज्ञानिक आधार पर 16 तरह के और परीक्षण हो पाएंगे। अभी तक इस लैब में मात्र आठ तरह का ही परीक्षण हो पाता था। आने वाले समय में लाई डिटेक्टिंग (नार्को टेस्ट, ब्रेन मैपिंग), एकॉस्टिक(आवाज) टेस्ट, डीएनए, फोरेंसिक इंजिनयरिंग, बैलिस्टिक (बंदूक सम्बंधित ), एंथ्रोपॉलजी (कंकाल संबधित ), क्राइम सीन मैनेजमेंट, मेडिको लीगल और विस्फोटक आदि की भी जाँच हो सकेगी। जबकि पहले से यहाँ साइबर फोरेंसिक, टॉक्सीलाजी (विष सम्बंधित), सीरोलॉजी (खून ), बायोलॉजी (रेप जैसे मामले, स्पर्म आदि), फिजिक्स (डुप्लीकेसी, टेम्परिंग ), रसायन (शराब नार्कोटिक्स), फोटो आदि का परीक्षण पहले से चला आ रहा है। उन्होंने बताया कि इस एफएसल को अपग्रेड करने से सभी परीक्षण यही होने लगेगा। जिससे रिपोर्ट जल्दी आएंगी और वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर सजा दिलाना आसान होगा।