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Chandauli News : कुर्क जमीन पर निजी कब्जा, लेखपाल ने लगाई गलत रिपोर्ट, डीएम से शिकायत   

चंदौली। जिले के सदर तहसील के काजीपुर गांव निवासी राधेश्याम की सात वर्ष पूर्व कुर्क की गई जमीन का मामला इन दिनों सुर्खियों में है। न्यायालय के स्पष्ट आदेश और सरकारी प्रक्रिया के बावजूद न तो उक्त भूमि का सुपुर्दनामा हुआ और न ही किसी के नाम पट्टा, बावजूद इसके जमीन की खरीद-फरोख्त की गई। लेखपाल ने इस मामले में गलत रिपोर्ट लगाई। जमीन फिलहाल निजी कब्जे में है। इसको लेकर अधिवक्ता शैलेंद्र पांडेय (कवि) के नेतृत्व में राधेश्याम समेत अन्य ने गुरुवार को जिलाधिकारी चंद्रमोहन गर्ग से मुलाकात की। इस दौरान प्रार्थना पत्र देकर मामले से अवगत कराया। डीएम ने उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया।

 

अधिवक्ता ने बताया कि कुर्क जमीन पर निजी कब्जा है। इस मामले में लेखपाल ने गलत रिपोर्ट लगाई थी। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। यदि निष्पक्षता के साथ प्रकरण की जांच की जाए तो तहसीलकर्मियों की भूमिका का पता चल जाएगा। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी ने पूरे प्रकरण को गंभीरता के साथ सुना। उन्होंने इसकी जांच कराकर उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया।

 

ये है मामला

काजीपुर निवासी सरयू चौबे ने पुरुषोत्तम चौबे के पुत्र राधेश्याम चौबे को गोद लिया था। 1969 में सरयू चौबे की मृत्यु के बाद, जब राधेश्याम नाबालिग थे, उनके जैविक पिता ने कथित रूप से सरयू चौबे की करीब 21 एकड़ जमीन (गाटा संख्या 739, 752, 790) अपने अन्य पुत्रों के नाम दर्ज करा दी। वर्ष 2012 में राधेश्याम चौबे ने इस कार्रवाई को एसडीएम कोर्ट में चुनौती दी और खतौनी सुधार की याचिका दाखिल की, जो खारिज हो गई। बाद में कमिश्नर कोर्ट से उन्हें राहत मिली और उनका नाम खतौनी में दर्ज कर दिया गया। भाइयों ने इस निर्णय को बोर्ड ऑफ रेवेन्यू और फिर हाईकोर्ट तक चुनौती दी, लेकिन अक्टूबर 2015 में हाईकोर्ट ने स्टे देते हुए स्पष्ट किया कि किसी तीसरे पक्ष की जमीन में दखल न हो। इसी बीच राधेश्याम चौबे ने उक्त जमीन को गिरवी रख बैंक से ऋण लिया, जो चुकता न हो पाने के कारण अक्टूबर 2018 में जमीन कुर्क कर दी गई। हालांकि, प्रशासन द्वारा न तो इस जमीन का पट्टा कराया गया और न ही सुपुर्द किया गया। वर्ष 2019 में राधेश्याम ने फिर उसी कुर्क की गई जमीन की बिक्री शुरू कर दी। प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से न केवल बैनामा हुआ बल्कि दाखिल-खारिज भी कर दिया गया। कुर्क जमीन पर निजी कब्जा है। इसको लेकर प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी से मिलकर उचित कार्रवाई की मांग की।

 

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