
चंदौली। चहनियां के बीजेपी समर्थित ब्लाक प्रमुख अरुण जायसवाल के खिलाफ बीडीसी सदस्यों की ओर से लाया गया अविश्वास प्रस्ताव बहुमत के अभाव में गिर गया। यानी अरुण जायसवाल की कुर्सी बरकरार रहेगी। ब्लाक प्रमुख को कुर्सी से हटाने के लिए 105 के सापेक्ष कुल 70 सदस्यों की सहमति जरूरी थी। लेकिन मात्र 57 बीडीसी की मौजूद रहे। ब्लाक प्रमुख की कुर्सी के साथ बीडीसी की प्रतिष्ठा भी दांव पर थी जो बच गई।
बीडीसी नरेंद्र गुप्ता के नेतृत्व में चहनियां ब्लाक प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। ब्लाक के 72 बीडीसी ने पूर्व में जिलाधिकारी को हलफनामा सौंपा था। डीएम ने अविश्वास प्रस्ताव की बैठक कराने से इंकार कर दिया। इसके बाद बीडीसी कोर्ट चले गए। न्यायालय के फैसले के बाद बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव की बैठक बुलाई गई। लेकिन विरोध में महज 57 सदस्य की उपस्थित हुए, जिससे अविश्वास प्रस्ताव गिर गया और ब्लाक प्रमुख की कुर्सी पर आया खतरा टल गया।
बीडीसी ने की इस्तीफे की पेशकश
ब्लाक में मौजूद 57 बीडीसी ने अविश्वास प्रस्ताव गिरने के बाद एसडीएफ के समक्ष इस्तीफे की पेशकश की। नरेंद्र गुप्ता ने कहा कि सदस्या को डरा धमकाकर और लालच देकर रोका गया है। आधे से अधिक बीडीसी प्रमुख के विरोध में उपस्थित हुए। लेकिन उनकी मौजूदगी का कोई मतलब नहीं निकला। ऐसे में हमारे रहने या नहीं रहने का कोई अर्थ नहीं है।
बीजेपी की प्रतिष्ठा बरकरार
चहनियां ब्लाक प्रमुख की कुर्सी से बीजेपी की प्रतिष्ठा जुड़ी थी। एक तरफ सत्ता पक्ष के विधायक सुशील सिंह तो दूसरी ओर दबंग प्रवृत्ति के उपेंद्र गुड्डू थे। लेकिन विधायक ने एक बार फिर अपनी रणनीति का लोहा मनवाया और प्रमुख की कुर्सी पर आए खतरे को टाल दिया।
चहनियां ब्लाक प्रमुख के खिलाफ लाया गया अविश्वास बहुमत के अभाव में गिर गया। 70 सदस्यों के सापेक्ष 57 ही विरोध में मौजूद रहे। बैठक पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न कराई गई। चंद्रमोहन गर्ग डीएम चंदौली।