
वाराणसी। मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने काशी की गंगा में पुण्य की डुबकी लगाई। सुबह से ही श्रद्धालु गंगा के तट पर स्नान के साथ ही दान और पुण्य करते नजर आए। शुक्रवार की शाम से स्नान करने वालों की भीड़ गंगा तट पर उमड़नी शुरू हो गई थी। अस्सी से राजघाट तक प्रमुख घाटों पर स्नान के इंतजाम रहे। सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम दिखे।
मौनी अमावस्या और शनैश्चरी अमावस्या का संयोग बन रहा है जो इस पर्व को खास बना रहा है। ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि मौनी अमावस्या पर मौन रहकर स्नान-दान का एक विशेष महत्व है। इस दिन गंगा तट पर स्नान-दान की अपार महिमा है। गंगा में स्नान के बाद आज तिल या इससे बनी खाद्य सामग्री, आंवला और कपड़े का दान करना चाहिए।
इस दिन गुड़ और काले तिल के लड्डू बनाने का भी एक विशेष महत्व है। स्नान-दान के बाद साधु-संतों, तीर्थ पुरोहितों और घर के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेना चाहिए। इसके साथ ही नियम और संयम के साथ रहना चाहिए। शनिवार सुबह से ही गोदौलिया चौराहे से लेकर दशाश्वमेध तक का सड़क भीड़ से पटा दिखा। दूर दराज से आने वाले श्रद्धालु अभी भी गंगा स्नान को पहुंच रहे हैं।