- चकिया नगर पंचाय़त प्रशासन ने तैयार किया है मुकम्मल प्लान होली के बाद शुरू होगा बंदरों को पकड़ने के लिए वृहद अभियान एक बंदर को पकड़ने पर खर्च किया जाएगा 375 रुपये का बजट नगर में बंदरों को पकड़ने के लिए पूरी हो चुकी है टेंडर की प्रक्रिया
- चकिया नगर पंचाय़त प्रशासन ने तैयार किया है मुकम्मल प्लान
- होली के बाद शुरू होगा बंदरों को पकड़ने के लिए वृहद अभियान
- एक बंदर को पकड़ने पर खर्च किया जाएगा 375 रुपये का बजट
- नगर में बंदरों को पकड़ने के लिए पूरी हो चुकी है टेंडर की प्रक्रिया
चंदौली। चकिया नगर में बंदरों के उत्पात से जल्द मुक्ति मिलने वाली है। बंदरों को पकड़ने के लिए मथुरा से स्पेशिएलिस्ट की टीम आएगी। इसके लिए नगर पंचायत प्रशासन ने फुलप्रूप प्लान तैयार किया है। इसके लिए टेंडर भी हो चुका है। एक बंदर को पकड़ने पर 375 रुपये खर्च किए जाएंगे।
बनारस के बंदरों को चंद्रप्रभा अभयारण्य के जलेबिया मोड़ के जंगलों में छोड़ा गया था। कुछ दिनों तक जंगल की सैर करने के बाद उत्पाती बंदर आबादी वाले इलाकों में पहुंच गए। जंगल के किनारे बसे गांवों में पहुंचकर उत्पात मचाना शुरू किया। वहीं चकिया नगर इनका स्थायी ठिकाना बन चुका है। लोगों के घरों के बालकनी व बरामदे में जमे रहते हैं। यदि इन्हें भगाने की कोशिश की तो इनका शिकार भी होना पड़ सकता है। बंदरों के हमले से आएदिन लोग चोटिल होते रहते हैं। उत्पाती बंदर अब तक दर्जनों लोगों को चोटिल कर चुके हैं। स्थानीय निवासी इसको लेकर नगर पंचायत प्रशासन से लगातार शिकायत करते हैं, लेकिन नगर पंचायत प्रशासन के पास भी इनसे निबटने के लिए मुकम्मल प्लान नहीं था। नगर पंचायत बोर्ड की मीटिंग में भी मुद्दा उठा था। ऐसे में नगर पंचायत ने बंदरों से मुक्ति के लिए फूलप्रूफ प्लान बनाया है। मथुरा की टीम बुलाई जाएगी। होली बाद टीम पहुंच सकती है। इसके बाद बंदरों को पकड़ने की कवायद शुरू कर दी जाएगी।