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Chandauli News : पूर्व ब्लाक प्रमुख पति छह माह के लिए जिला बदर, पुलिस ने कानून व्यवस्था के लिए माना खतरा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने बीजेपी विधायक का लिया नाम

चंदौली। जिले में पुलिस और प्रशासनिक कार्रवाई के तहत पूर्व जिला पंचायत सदस्य और ब्लॉक प्रमुख पति उपेंद्र सिंह गुड्डू को छह महीने के लिए जिला बदर कर दिया गया है। अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) के न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक और बलुआ थाना प्रभारी की रिपोर्ट के आधार पर यह आदेश जारी किया। इस अवधि में उपेंद्र सिंह पर कई प्रतिबंध लागू रहेंगे। इसके अलावा पुलिस ने इम्तियाज पुत्र शाबिर अली निवासी ग्राम- सिकन्दरपुर थाना चकिया को जिला बदर किया है। उसके खिलाफ भी गैंगस्टर, एनडीपीएस एक्ट समेत कई मुकदमे हैं।

 

पूर्व ब्लाक प्रमुख पति पर मुकदमे

उपेंद्र सिंह गुड्डू पर अपराध संख्या 91/2024 के तहत बलुआ थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 352, 351(2), और 127(2) के अंतर्गत मामला दर्ज है। इसके अलावा, 2001 में धारा 307, और 2005 में धारा 120बी, 384, 504, तथा 506 के तहत भी मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। पुलिस की रिपोर्ट में उन्हें शातिर अपराधी करार दिया गया है। बलुआ थाना क्षेत्र में उपेंद्र सिंह के कथित आतंक का प्रभाव इतना अधिक बताया गया कि लोग उनके खिलाफ गवाही देने या सूचना देने से डरते हैं। पुलिस और प्रशासन ने इसे लोक व्यवस्था के लिए खतरा मानते हुए गुंडा नियंत्रण अधिनियम 1970 के तहत कार्रवाई की।

 

जारी की गई थी नोटिस

गुड्डू को नोटिस जारी होने के बाद भी न तो उन्होंने जवाब दिया और न ही अदालत में अपनी पैरवी की। इस आधार पर अपर जिलाधिकारी ने उन्हें जिला बदर करने का आदेश दिया। अब उन्हें 24 घंटे के भीतर जिले की सीमा छोड़नी पड़ी। जिला बदर की अवधि में उपेंद्र सिंह को जिस जिले में रहेंगे, वहां के थाना प्रभारी को अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी। उन्हें हर हफ्ते थाने में जाकर हस्ताक्षर करने होंगे। इसके अलावा, यदि किसी मामले में उन्हें चंदौली जिले की अदालत में पेश होना पड़े, तो मुकदमे की तारीख से 24 घंटे पहले जिले में प्रवेश कर सकते हैं, लेकिन सुनवाई समाप्त होने के 24 घंटे के भीतर वापस जाना होगा। अपर जिलाधिकारी ने कहा कि उपेंद्र सिंह का चंदौली में रहना लोकहित में नहीं है। उनका आपराधिक इतिहास और जनता में उनका भय प्रशासन के इस निर्णय के मुख्य आधार बने।

 

 

बीजेपी विधायक का लिया नाम

पूर्व ब्लाक प्रमुख पति ने पुलिस और प्रशासनिक कार्रवाई पर कहा कि समाज में किसी को भी उनसे भय नहीं है। समाज उन्हें स्वीकार कर रहा है। सिर्फ चंद राजनीतिक लोगों को उनसे भय है। उनके इशारे पर ही प्रशासन ने यह कार्रवाई की है। उन्होंने बीजेपी विधायक सुशील सिंह का नाम लिया। कहा कि इसके पीछे सुशील सिंह के अलावा और कोई नहीं है। यदि किसी व्यक्ति को पदों पर आने के बाद गुरूर होता है तो उसकी विदाई का वक्त निश्चित है।

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