- समायोजन रद्द होने के बाद से ही अवसाद में थी शिक्षामित्र काफी दिनों से बीमार थीं महिला शिक्षामित्र, चल रहा था इलाज मां की मौत से बच्चों पर टूटा दुखों का पहाड़, शिक्षामित्र संघ ने जताया शोक महिला शिक्षामित्र के आश्रितों को सरकार से मुआवजा देने की मांग
- समायोजन रद्द होने के बाद से ही अवसाद में थी शिक्षामित्र
- काफी दिनों से बीमार थीं महिला शिक्षामित्र, चल रहा था इलाज
- मां की मौत से बच्चों पर टूटा दुखों का पहाड़, शिक्षामित्र संघ ने जताया शोक
- महिला शिक्षामित्र के आश्रितों को सरकार से मुआवजा देने की मांग
चंदौली। शहाबगंज ब्लाक के धनरिया गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में शिक्षामित्र के पद पर तैनात डेहरी कला गांव निवासी शिक्षामित्र चंद्रशीला देवी (42 वर्ष) की बुधवार की रात इलाज के दौरान निजी अस्पताल में मौत हो गई। इससे परिजनों में कोहराम मच गया। चंद्रशीला समायोजन रद्द होने के बाद से ही अवसादग्रस्त थीं। इससे तमाम तरह की बीमारियों की चपेट में आ गईं। शिक्षामित्र संघ ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए उनके आश्रितों को मुआवजा देने की मांग की है।
चंद्रशीला शिक्षामित्र के पद पर नियुक्त थीं। समायोजन रद्द होने के बाद परिवार आर्थिक तंगी से जूझने लगा। इससे बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर भी असर पड़ने लगा। इसकी वजह से अवसादग्रस्त हो गईं और तमाम तरह की बीमारियों से घिर गईं। मंहगाई के दौर में 10 हजार रुपये मानदेय में बेहतर इलाज न हो सका। परिजनों का कहना था कि यदि अच्छी तनख्वाह मिल रही होती तो बेहतर इलाज करा पाते। चन्द्रशीला को 18 व 14 वर्ष के दो बच्चे हैं। उनकी मौत के बाद बच्चों की परवरिश पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। शिक्षामित्र संघ ने बैठक कर महिला शिक्षामित्र के निधन पर शोक संवेदना प्रकट की। सरकार से परिवार को मुआवजे देने की मांग की।