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Chandauli news: चंदौली में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी सीएम की महत्वाकांक्षी पशु संरक्षण योजना, पशु चिकित्साधिकारी ने पत्नी और नाबालिग पुत्री को बनाया दिया लाभार्थी, एसडीएम ने बैठाई जांच

चंदौली। पशुओं के संरक्षण को चलाई जा रही सीएम की महत्वाकांक्षी योजनाएं भ्रष्ट अधिकारियों की कमाई का जरिया बनती जा रही हैं। जिले के नौगढ़ ब्लाक में ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। वहां के पशु चिकित्साधिकारी ने मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना में अपनी पत्नी और नाबालिग पुत्री को लाभार्थी बना दिया। दोनों के खाते में प्रतिमाह योजना के रुपये भेजे जा रहे थे। यही नहीं कई लाभार्थियों के नाम कागजों में ही चल रहे। लेखपाल सत्यापन को गांव पहुंचे तो ग्राम प्रधान को इसकी जानकारी हुई। ग्रामीणों ने शनिवार को समाधान दिवस में एसडीएम से इसकी शिकायत की। उप जिलाधिकारी ने तहसीलदार को जांच का निर्देश दिया है।

 

पहले जानिए क्या है मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना
मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना के तहत आवारा और निराश्रित गोवंश को पालने के इच्छुक किसान या पशुपालकों को सरकार द्वारा प्रति गोवंश हर माह 1500 रुपये मुहैया करवाया जाता है। पहले यह राशि 900 रुपए प्रति महीना प्रति पशु थी। यूपी सरकार की इस योजना का लाभ केवल राज्य के मूल निवासी नागरिक ही ले सकते हैं।

 

जानिए योजना के नाम पर कैसे हो रहा भ्रष्टाचार
भ्रष्टाचार का जो खेल सामने आया है उसमें निराश्रित पशुओं के संरक्षण के नाम पर सरकार से मिलने वाले धन का बंदरबांट किया जा रहा है। कुछ भ्रष्ट पशु चिकित्साधिकारी ग्राम पंचायतों में कागजों पर ही लाभार्थी बनाकर उनके खाते में पैसे भेज देते हैं। बाद में धन का बंटवारा कर दिया जाता है।

 

नौगढ़ के बाघी ग्राम पंचायत से खुली भ्रष्टाचार की पोल
पशु चिकित्साधिकारी नौगढ़ डा. पंकज ने ग्राम पंचायत बाघी से अपनी पत्नी सुचित्रा और नाबालिग पुत्री अनन्या को मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना का लाभार्थी बना दिया। दोनों के यूनियन बैंक में खुले खाते में योजना का धन भेजा जा रहा था। दिलचस्प यह कि ग्राम प्रधान नीलम ओहरी को भी इसकी जानकारी तक हुई जब लेखपाल गांव में सत्यापन करने पहुंचे। प्रधान प्रतिनिधि दीपक गुप्ता ने पशु चिकित्सक से इस मामले में बात की तो वह घबरा गए। ग्रामीणों ने शनिवार को समाधान दिवस में एसडीएम से इसकी शिकायत की। एसडीएम आलोक कुमार ने तहसीलदार को जांच के निर्देश दिए हैं।

मामला संज्ञान में नहीं है। यदि इस तरह का मामला है तो इसकी जांच कराई जाएगी। अनियमितता मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। आरके सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी

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