
- जिले में बगैर मानक से संचालित पैथोलाजी और डायग्नोस्टिक सेंटरों की भरमार
- मुगलसराय क्षेत्र में एक दजैन अवैध सेंटर संचालित हो रहे
- स्वास्थ्य विभाग की नाकामी शासन के मंसूबे पर पानी फेरती नजर आ रही
चंदौली। जिले में बगैर मानक से संचालित पैथोलाजी और डायग्नोस्टिक सेंटरों की भरमार हो गई है। गलत जांच के चलते मरीजों का सही इलाज नहीं हो पा रहा। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत के चलते यह धंधा खूब फल-फूल रहा है। सेंटरों के रजिस्ट्रेशन नवीनीकरण की मियाद भी धीरे-धीरे समाप्त होने को है।
जिले में अवैध पैथोलाजी और डायग्नोस्टिक सेंटर धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं। एक ही चिकित्सक के नाम पर कई सेंटरों ने रजिस्ट्रेशन करा रखा है। जहां अप्रशिक्षित कर्मचारी मरीजों की जांच रिपोर्ट तैयार करते हैं। जाहिर सी बात है जब रिपोर्ट ही गलत मिलेगी तो इलाज सही कैसे हो सकता है। जबकि शासन ने स्वास्थ्य व्यवस्था की बेहतरी को फर्जी और अवैध पैथोलाजी सेंटरों और निजी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश जारी कर रखा है। बावजूद स्वास्थ्य विभाग की नाकामी शासन के मंसूबे पर पानी फेरती नजर आ रही है।
मुगलसराय बना अवैध पैथोलाजी सेंटरों का हब
मुगलसराय, चंदौली, चकिया और सकलडीहा आदि क्षेत्र अवैध पैथोलाजी और डायग्नोस्टिक सेंटरों के हब बन चुके हैं। खासकर मुगलसराय क्षेत्र में एक दजैन अवैध सेंटर संचालित हो रहे हैं। अलीनगर थाना से गोधना बाईपास तक ऐसे कई सेंटर चल रहे हैं। अधिकारी रोजाना इसी रास्ते से होकर गुजरते हैं लेकिन उनकी नजर इस सेंटरों पर नहीं पड़ती या यूं कहें कि सबकुछ जानते हुए भी अपनी आंख बंद किए रहते हैं। हालांकि चंदौली डीएम इस मामले को लेकर थोड़े गंभीर जरूर हुए हैं। पिछले दिनों ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और पैथोलाजी सेंटर प्रबंधकों के साथ बैठक कर 30 अप्रैत तक नवीनीकरण के निर्देश दिए थे। तीन दिन में यह मियाद भी समाप्त हो जाएगी। अब देखना यह है कि प्रशासन कितना गंभीर होता है।