चंदौली। कोरोना त्रासदी के दौरान जान पर खेलकर संक्रमितों के उपचार में सहयोग करने वाले कोविड स्वास्थ्यकर्मियों की नौकरी पर तलवार लटक गई है। शासन ने अंतिम बार 30 जून तक नौकरी की मियाद बढ़ाई है। इसके बाद स्वास्थ्यकर्मियों की सेवा समाप्ति तय मानी जा रही है। ऐसे में कोविड स्वास्थ्यकर्मियों का प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी निखिल टी फुंडे व सकलडीहा विधायक प्रभुनारायण सिंह यादव से मिला। इस दौरान पत्रक सौंपकर समायोजित करने की मांग की। चेताया कि यदि उनकी मांग पर विचार नहीं किया गया तो आंदोलन के लिए विवश होंगे।
कोरोना त्रासदी के दौरान स्वास्थ्य महकमा संसाधनों की कमी से जूझ रहा था। उस दौरान चिकित्सकों के साथ ही मेडिकल स्टाफ की कमी भी खल रही थी। ऐसे में आननफानन में साक्षात्कार के जरिये स्वास्थ्यकर्मियों की भर्ती की गई। इसमें चिकित्सक, नर्स, वार्ड ब्वाय और कंपाउंडर शामिल रहे। स्वास्थ्यकर्मियों ने पूरी ईमानदारी के साथ अपना दायित्व भी निभाया। उन्होंने तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए कोविड वार्डों में ड्यूटी दी। हालांकि अब हालात सामान्य हैं। ऐसे में शासन को उनकी जरूरत नहीं महसूस हो रही। ऐसे में उन्हें नौकरी से बेदखल करने की कवायद शुरू हो गई है। शासन स्तर से पत्र भेजकर सूचित किया गया है कि कोविड ह्यूमन रिसोर्स के नौकरी की मियाद अंतिम बार 30 जून तक विस्तारित की जाती है। इसके बाद उनकी नौकरी जानी तय है। जिलाधिकारी ने स्वास्थ्यकर्मियों की मांगों को शासन तक पहुंचाने का भरोसा दिलाया। पत्रक सौंपने वालों में डा. दीपक चौरसिया, अश्वनी तिवारी, कौशलपति तिवारी, आशीष सिंह, पूजा, स्टाफ नर्स मेनका, जितेंद्र पाल, अलका पांडेय, रोशन आदि रहे।