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चंदौलीः FIR की गंभीर धारा से मेल नहीं खा रही बीजेपी कार्यकर्ता की मेडिकल रिपोर्ट

चंदौली। सैयदराजा निवासी बीजेपी कार्यकर्ता विशाल मद्धेशिया की थाने के बंद कमरे में पिटाई का मामला सुर्खियों में है। बीजेपी के वरिष्ठ पदाधिकारी पूरी रात थाने में बैठे रहे। आखिर क्या वजह रही कि पुलिसकर्मियों ने सत्तापक्ष के कार्यकर्ता की पिटाई इसे लेकर भी तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। बहरहाल बीजेपी नेताओं के दबाव में आरोपित दारोगा जयप्रकाश यादव और तीन सिपाहियों के खिलाफ धारा 307 यानी हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज तो कर लिया गया लेकिन पीड़ित बीजेपी कार्यकर्ता की मेडिकल रिपोर्ट कुछ और ही कहानी कह रही है। मेडिकल रिपोर्ट से धारा 323 की पुष्टि हो रही है। यानी साधारण मारपीट और झगड़ा।
मारपीट के आरोपित दारोगा को लाइन हाजिर कर मामले की जांच बैठा दी गई है। पीड़ित को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दारोगा सहित चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ सैयदराजा थाने में ही धारा 307 में मुकदमा भी पंजीकृत किया जा चुका है। लेकिन मेडिकल रिपोर्ट धारा 323 के आगे नहीं बढ़ रही। सीओ सदर अनिल राय ने बताया कि पीड़ित का मेडिकल कराया गया है। रिपोर्ट के आधार पर धारा 323 की ही पुष्टि हो रही है। दोबारा मेडिकल कराया जाएगा। मामले की जांच भी चल रही है। बहरहाल अब देखना यह है कि मेडिकल रिपार्ट को आधार बनाकर महकमा दोषी पुलिसकर्मियों को बचाने का प्रयास कर रहा है या बीजेपी नेता मामले को कुछ अधिक ही तूल दे रहे हैं।

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