
चंदौली। गंगा का जलस्तर शनिवार की सुबह खतरा बिंदु को पार कर गया। पानी घाटों को डूबाते हुए गांवों व कस्बों की ओर बढ़ चला है। गंगा का रौद्र रूप देखकर तटवर्ती इलाके के लोगों की नींद हराम हो गई है। जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। यही स्थिति रही तो जल्द ही पानी गांवों में घुस जाएगा। ऐसे में लोगों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुए प्रशासन अलर्ट है। जिलाधिकारी संजीव सिंह ने अधिकारियों को निगरानी करने के निर्देश दिए हैं। जनता से सावधानी बरतने की अपील की है। मध्य प्रदेश से बारिश का पानी छोड़े जाने की वजह से गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई। शनिवार की सुबह गंगा का जलस्तर 71.46 मीटर पर पहुंच गया, जो खतरे से निशान से अधिक है।

प्रतिकूल स्थिति से निबटने को तैयार रहें अधिकारी
जिलाधिकारी संजीव सिंह ने बाढ़ के खतरे को देखते हुए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जनपद की समस्त बाढ़ चौकियों का निरीक्षण कर साफ-सफाई, स्वच्छ पेयजल, खाद्य सामग्रीयों इत्यादि की पर्याप्त प्रबंध सुनिश्चित कराएं। पशुओं के लिए भी सुरक्षित स्थान, चारा पानी की पर्याप्त प्रबंध रहे, यह भी सुनिश्चित कर लिया जाए। बाढ़ की आशंका को देखते हुए बाढ़ क्षेत्र के गावों में मुनादी करा दी जाए। उन्होंने गंगा के जलस्तर का रिकार्ड रखने के निर्देश दिए। बाढ़ एरिया से लगे क्षेत्रों में चिह्नित अस्पतालों, बाढ़ चौकियों में आवश्यक दवा व अन्य इंतजाम होने चाहिए। बाढ़ की स्थिति पर लगातार सतर्क दृष्टि रखी जाए। बाढ़ प्रभावित लोगों को तत्काल सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का प्रबंध किया जाए। इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।