
चंदौली। धान की खेती में जुटे जिले के किसानों के लिए मानसून की पहली जोरदार बारिश संजीवनी बनकर आई है। पहाड़ी क्षेत्रों में मंगलवार देर शाम से शुरू हुई तेज बारिश से जिले के प्रमुख बांधों और जलाशयों में जलस्तर बढ़ा है। इससे कर्मनाशा और चंद्रप्रभा सिंचाई प्रणाली की नहरों में पानी छोड़ा गया है, जिससे किसानों को रोपाई के समय पानी की कमी से जूझना नहीं पड़ेगा।
जिले में इस समय किसान धान की नर्सरी डालने और खेतों की तैयारी में युद्धस्तर पर जुटे हैं। कृषि विभाग के अनुसार अब तक करीब 50 प्रतिशत किसानों ने अपनी नर्सरी डाल दी है, वहीं कुछ इलाकों में धान की रोपाई भी शुरू हो चुकी है। ऐसे समय पर मानसून की समय पर दस्तक और पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश ने किसानों के चेहरों पर राहत की मुस्कान लौटा दी है।
कर्मनाशा और चंद्रप्रभा नहरों में छोड़ा गया पानी
सिंचाई विभाग ने जानकारी दी है कि लेफ्ट और राइट कर्मनाशा नहरों में पानी छोड़ा जा चुका है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को धान की रोपाई के लिए सिंचाई का पर्याप्त पानी मिले और वे वैकल्पिक साधनों जैसे डीजल पंपसेट आदि पर निर्भर न रहें। इससे जहां किसानों का खर्च बचेगा, वहीं समय पर फसल की तैयारी भी सुनिश्चित हो सकेगी।
चंद्रप्रभा बांध में 21 दिन और कर्मनाशा में 45 दिन की सिंचाई क्षमता
अधिशासी अभियंता हरेंद्र कुमार के अनुसार, चंद्रप्रभा बांध में वर्तमान में सिंचाई के लिए लगभग 21 दिनों का पानी सुरक्षित है। एक माह पहले तक यह क्षमता 24 दिनों की थी, परंतु इस बीच किसानों की जरूरत के अनुसार कई बार पानी छोड़ा गया। इसके बावजूद बांध में पर्याप्त जल संचयन बना हुआ है।
वहीं कर्मनाशा सिस्टम में 45 दिनों तक की सिंचाई की क्षमता मौजूद है, जो कि जिले के सैकड़ों हेक्टेयर खेतों के लिए पर्याप्त है। इससे स्पष्ट है कि आने वाले हफ्तों में किसानों को जल संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा और धान की रोपाई का कार्य सुचारु रूप से संपन्न हो सकेगा।
बांधों और जलाशयों का अद्यतन जल स्तर
- नौगढ़ बांध : 885 फीट
- मुसाखाड़ बांध : 345.7 फीट
- चंद्रप्रभा बांध : 755.6 फीट
- भैसौड़ा बांध : 901.01 फीट
- लतीफशाह बीयर : 274 फीट
- मुजफ्फरपुर बीयर : 306.6 फीट