
- डीएफओ ने चंद्रप्रभा रेंज में मानसून की तैयारी कार्य का किया अवलोकन ग्रामीणों को आरोप, आधा काम कराकर पूरा भुगतान करा लिया नए चेकडैम कार्य में सरकारी धनराशि की हो रही है बंदरबांट
- डीएफओ ने चंद्रप्रभा रेंज में मानसून की तैयारी कार्य का किया अवलोकन
- ग्रामीणों को आरोप, आधा काम कराकर पूरा भुगतान करा लिया
- नए चेकडैम कार्य में सरकारी धनराशि की हो रही है बंदरबांट
चंदौली। काशी वन्य जीव प्रभाग रामनगर के प्रभारी वनाधिकारी दिलीप कुमार श्रीवास्तव ने चकिया व नौगढ़ के विभिन्न रेन्जों में हो रहे नाली, ट्रेंच खुदाई सहित कई कार्यो का निरीक्षण किया। इस दौरान मानसून से पहले मृदा कार्यों व नर्सरी की देखभाल से संबंधित दिशा निर्देश मौके पर मौजूद अधीनस्थों को दिए। ग्रामीणों का आरोप है कि अधूरा काम कराकर पूरा भुगतान करा लिया गया। नए चेकडैम निर्माण के नाम पर सरकारी धनराशि की बंदरबांट हो रही है।
मानसून से पूर्व वन्य जीव प्रभाग के विभिन्न रेंजों में पौधारोपण हेतु लाखों की संख्या में ट्रेंच खुदाई और नाली निर्माण कार्य कराया जा रहा है, हालांकि मार्च क्लोजिंग से पहले ही सभी कार्यों को पूरा कर के भुगतान हो जाना चाहिए था, लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि आधे अधूरे कार्यों पर ही भुगतान कर लिया गया है। लोगों की मानें तो अग्रिम मृदा कार्य में श्रमिकों व यन्त्र द्वारा खोदे गये बोना नाली और गड्ढों का कार्य मानक के विपरीत कराया गया है। सरकार के पैसो का जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। मजदूरों की मजदूरी उनके खाते में न देकर के किसी दूसरे के खाते में भेजकर भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है। इससे स्थानीय निवासियों में आक्रोश है। दो माह पूर्व चन्दप्रभा रेन्ज में जेशीबी मशीन से लाखों रुपये से बने पुराने चैकडैम को तोड़कर उसी पुराने पत्थर व सेन्चुरी एरिया से अवैध बालू निकाल कर नए चैकडैम का निर्माण कार्य कराकर विभागीय अधिकारियों ने सरकारी पैसा किसी फर्म मे भेजकर बंदर बाट किया जा रहा है।
वन विभाग व अधिकारियों पर लग रहे लगातार आरोपों के बीच डीएफओ ने मानसून की तैयारियों के तहत मझगाई रेंज में पौधारोपण के लिए कराए जा रहे अग्रिम मृदा कार्यों की गुणवत्ता को देख प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने नर्सरियों में उगाए जा रहे पौधों की क्षेत्रीय वनाधिकारी पीके सिंह को निरंतर निराई, गुड़ाई और सिंचाई करने का निर्देश दिया। मझगांई रेंज के सामाजिक वानिकी योजना से वन क्षेत्र भटेवा पहाड़ी, नौकाबांध प्रथम, द्वितीय, तृतीय के साथ ही परसहवा, कपसहवा, सुरसिरया के बीस-बीस हेक्टेयर में कराए गए अग्रिम मृदा कार्य में श्रमिकों द्वारा खोदे गए बोना नाली और गड्ढों की गुणवत्ता का निरीक्षण किया। उसके पश्चात रेंज के गौरीदह और भैंसोड़ा पौधशाला में उगान किए जा रहे 3.35 लाख पौधों सहित करीब 1.20 लाख पुराने पौधों को देखा। उन्होंने नर्सरी की साफ सफाई के साथ वनकर्मियों को पौधों के नियमित देखभाल करने क्यारी में जिस प्रजाति के पौधे लगे हों, उसके बारे में वहां लगे बोर्ड पर भी जिक्र किया जाना चाहिए। किसानों को उचित मूल्य में फलदार व छायादार पौधे उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। गौरतलब है कि मानसून से पूर्व विभाग द्वारा हर वर्ष जंगलों में लाखों की संख्या में पौधारोपण कार्यक्रम किया जाता है जिसके लिए शासन द्वारा भारी भरकम बजट का भुगतान किया जाता है। स्थानीय लोगों की मानें तो करोड़ों के बजट को विभागीय अधिकारियों द्वारा मानक के विपरीत आधा अधूरा कार्य कर भुगतान कर लिया जाता है। कर्मचारियों की नियुक्ति के बावजूद देख-रेख के अभाव में हर वर्ष लाखों की जनसंख्या में लगे हुए पौधे सूख जाते हैं। फिर अगले वर्ष यही खेल दोबारा जारी हो जाता है। इससे निवासियों व पर्यावरण प्रेमियों में गहरा रोष व्याप्त हो गया है।