
खुशी सोनी की रिपोर्ट
चंदौली। रात में झालरों की रोशनी में लकदक नजर आने वाला नगर पालिका पीडीडीयू नगर भीतर से उतना ही बदहाल और खस्ताहाल है। हम इमारतों की नहीं बल्कि खस्ताहाल सड़कों की बात कर रहे हैं, जो इस कदर खराब हो चुकी हैं कि इनपर पैदल चलना तक मुश्किल भरा हो गया है। यह कहानी किसी एक वार्ड की नहीं बल्कि लगभग हर मोहल्ले की एक जैसी तस्वीर है। देखने के बाद लगता ही नहीं है कि नगर के विकास पर शासन ने पानी की तरह पैसा बहाया है।
पीडीडीयू नगर की सड़कों का इन दिनों बुरा हाल है। सड़कें खराब तो पहले से थी अब और खराब होती चली जा रही हैं। जो नई बनी भी हैं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी हैं। निर्माण के महीने भर बाद ही दुर्दशाग्रस्त हो चुकी हैं। लाट नंबर दो, गिधौली, नईबस्ती, बिछड़ी, कालीमहाल, पथरा आदि कई ऐसे वार्ड हैं जिनकी सड़कें इस कदर खराब हो चुकी हैं इनपर आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं।कोई सड़क गड्ढों में तब्दील हो चुकी है तो किसी पर बड़े-बड़े पत्थर खतरे का वाहक बने हुए हैं। देखकर ऐसा लगता ही नहीं कि ये नगरीय क्षेत्र की सड़कें हैं। लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी सड़कों की ये दशा नगा पालिका की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही है। कुछ सभासद इस समस्या को लेकर मुखर होते भी हैं तो उनकी बात नक्कारखाने में तूती की आवाज बनकर रह जाती है।
बजट की कमी बनी राह का रोड़ा
पालिका ईओ कृष्णचंद्र कहते हैं कि पालिका के पास बजट ही नहीं है। 14वां वित्त का जो पैसा है वह कर्मचारियों के वेतन में खर्च हो जा रहा है। ऐसे में सड़कों की मरम्मत का कार्य अवरुद्ध पड़ा है। एक नई बनी सड़क में गुणवत्ता की कमी पर संबंधित ठेकेदार को नोटिस दी गई है। यदि काम सही नहीं कराया गया है तो कार्यवाही की जाएगी।