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वाराणसी

Varanasi News : काशी में इंटरनेशनल टेम्प्ल्स कन्वेंशन एंड एक्सपो का उद्घाटन करेंगे डॉ. मोहन भागवत

वाराणसी : विश्व के प्राचीनतम शहर काशी के सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में 22 से 24 जुलाई के बीच इंटरनेशनल टेम्प्ल्स कन्वेंशन एंड एक्सपो का आयोजन होगा। अपनी तरह के पहले ज्ञान को साझा करने वाले इस आयोजन में परिचर्चा, प्रस्तुतिकरण, कार्यशालाओं और मास्टर क्लासेस के माध्यम से मंदिर प्रबंधन की सर्वश्रेष्ठ पद्धतियों को बताया जाएगा।

तीन दिवसीय सम्मेलन में 25 देशों से हिंदू, सिख, बौद्ध और जैन धर्मों की भक्ति संस्थाओं के साथ देश के 450 से अधिक विख्यात मंदिरों के प्रबंधन से जुड़े अधिकारी शामिल होंगे। सम्मेलन का उद्घाटन डॉ. मोहन भागवत करेंगे.

उद्घाटन समारोह में विभिन्न पूजास्थल के न्यासियों, पूजास्थल परिषदों और न्यासों के सदस्यों के साथ त्रावणकोर का राजकुमार (पद्मनाभस्वामी मंदिर), रोहण ए. खुन्ते (गोवा के पर्यटन, सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार, तथा छापे एवं लेखन-सामग्री मंत्री), धर्म रेड्डी (तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के कार्यकारी अधिकारी) भी मौजूद रहेंगे. इस सम्मलेन का मूल उद्देश्य भक्तों के अनुभव और सुविधा को बेहतर करना है।

टेम्पल कनेक्ट और आईटीसीएक्स के संस्थापक, गिरेश कुलकर्णी के अनुसार टेम्पल कनेक्ट (इंडिया) द्वारा विकसित यह विश्व का पहला आयोजन है जो केवल दुनिया भर में मंदिरों के प्रबंधन के प्रति समर्पित है। इस सम्मलेन में मंदिर पारितंत्र के प्रशासन, प्रबंधन और संचालन के विकास तथा सशक्तीकरण पर फोकस किया जाएगा। तीन-दिवसीय कार्यक्रम मंदिर प्रबंधन के सर्वोच्च पद पर आसीन समान सोच के अधिकारियों के बीच विचारों के खुले आदान-प्रदान, शिक्षण और बहुमूल्य परिज्ञान के लिए एक मंच प्रदान करेगा, जहाँ पूरे विश्व में पूजास्थल प्रधान की टीमों के लिए सर्वश्रेष्ठ कार्यपद्धतियों की स्थापना, सक्षमता और संवर्धन पर चर्चा और निर्णय होंगे। उन्होंने बताया कि ‘अतुल्य भारत” अभियान के अंतर्गत पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार का समर्थन इस कार्यक्रम को प्राप्त है।

उन्होंने बताया कि आईटीसीएक्स का लक्ष्य नेटवर्किंग, ज्ञान को साझा करने और समकक्ष शिक्षण के लिए एक परितंत्र का निर्माण और विकास करना है जो विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञ संगोष्ठी, कार्यशालाओं और मास्टरक्लासेस से निकल कर आएगा। इसमें एक मजबूत और सम्बद्ध मंदिर समुदाय के पोषण के लिए साइबर हमलों से सुरक्षा तथा पूजास्थल की सुरक्षा, संरक्षा और चौकसी, निधि प्रबंधन, आपदा प्रबंधन, स्वच्छता, आरोग्य और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (आआई) जैसी आधुनिक तकनीक का प्रयोग शामिल हैं। इस सम्मलेन में तीर्थयात्री-अनुभव के तहत भीड़ और पंक्ति प्रबंधन, ठोस कचरा प्रबंधन, तथा बुनियादी सुविधा में सुधार जैसे विषयों पर भी चर्चा की जाएगी।

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