
वाराणसी। बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में एक ऐसा अनोखा बैंक है, जहां 19 अरब राम नाम की पूंजी जमा है। इस बैंक में लेन देन का सारा काम भगवान राम के नाम पर ही होता है। रामनवमी के दिन इस बैंक में भक्त राम नाम के इस जमा पूंजी का दर्शन करने आते हैं। विश्वनाथ मंदिर के करीब दशाश्वमेध के पास त्रिपुरा भैरवी घाट पर स्थित दुनिया के इस अनोखे बैंक की स्थापना 95 साल पहले छन्नू लाल ने की थी।
बैंक का संचालन करने वाले राम कुमार मेलरोत्रा ने बताया कि साल दर साल इस राम रमापति बैंक में रामनाम की पूंजी बढ़ती जा रही है। वर्तमान समय में यहां 19 अरब से अधिक हस्तलिखित रामनाम इक्कठा हैं। पूरी दुनिया में ये इकलौता ऐसा बैंक है जहां भगवान राम के नाम की इतनी पूंजी जमा है। वाराणसी के इस राम रमापति बैंक से अब तक हजारों लोगों की मुराद पुरी हो चुकी है।
बैंक से जुड़े सुमित मेलरोत्रा ने बताया कि यहां से भक्तों को भगवान राम के नाम का कर्ज दिया जाता है। इसके लिए कुछ नियमों का पालन भी करना होता है, जिसके लिए बाकायदा एक शपथ पत्र भक्तों से भरवाया जाता है। शपथ पत्र के अनुसार, कर्ज लेने वाले श्रद्धालु को 8 महीने 10 दिन तक लगातार 500 रामनाम लिखना होता है। इस तरह 250 दिनों में सवा लाख राम नाम लिखने का काम पूरा होता है। इस दौरान भक्तों को सिर्फ सात्विक भोजन ही करना होता है। ऐसी मान्यता है जो इन नियमों के पालन के साथ 8 महीने 10 दिन ऐसा करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
इस बैंक से कर्ज लेने वाले भक्तों को रामनाम लेखन के लिए कागज और कलम भी मिलता है, जिससे भक्त 8 महीने 10 दिन राम के नाम का लेखन करतें है। लेखन के बाद इस राम नाम को वापस इसी बैंक में जमा करना होता है, जिसे पूंजी के तौर पर यहां संजो कर रखा जाता है। रामनवमी के पहले इस राम नाम बैंक में काउंटिंग की जाती है। मौजूदा समय में इस बैंक में 19 अरब 39 करोड, 59 लाख, 25 हजार से ज्यादा राम नाम इस बैंक में जमा हो चुका है।