
आजमगढ़। पूर्वांचल की धमक शनिवार को दुबई में सुनाई दी। आजमगढ़ के लाल प्रवीण दुबे ने दिल्ली कैपिटल के लिए अपना पहला मैच खेला। जनपद ही नहीं पूर्वांचल भर के लोग प्रवीण को खेलते हुए देखना चाहते थे। लोगों की दुआएं रंग लाईं और प्रवीण ने बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में अपना जौहर दिखाया। हालांकि वह अपना जादू बिखेरने में नाकाम रहे। उनकी टीम भी मुंबई से नौ विकेट से हार गई।
प्रवीण दुबे को 19 अक्तूबर को टीम में शामिल किया गया। कोच रिकी पोंटिंग और कप्तान श्रेयस अय्यर ने उनपर भरोसा जताते हुए मुंबई इंडियंस के खिलाफ मौका दिया। दिल्ली को पहले बल्लेबाजी करनी थी। टीम जल्दी-जल्दी विकेट खोती गई। ऐसे में प्रवीण को भी बल्लेबाजी के लिए मैदान में उतरना पड़ा। प्रवीण ने 13 गेंदों का सामना करते हुए सात रन बनाए और नाबाद रहे। मुख्य रूप से गेंदबाज प्रवीण ने अपने तीन ओवर में 29 रन खर्च किए। लेकिन एक भी विकेट उन्हें नहीं मिला। हालांकि उन्होंने शत प्रतिशत योगदान दिया। प्रवीण आजमगढ़ जिले के सगड़ी क्षेत्र के नरहन गांव के निवासी हैं। वह बचपन में गांव में बच्चों के साथ क्रिकेट खेलते थे। उनके चाचा लक्ष्मीकांत दुबे वर्ष 2003 में उन्हें आजमगढ़ ले आए। सुखदेव पहलवान स्टेडियम में प्रवीण ने क्रिकेट की बारीकियां सीखीं। वर्ष 2017-18 में बंगलुरू की टीम में शामिल रहे। लेकिन विराट कोहली की टीम में उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला था।