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क्राइमचंदौलीराज्य/जिला

मुगलसराय में नपा व वीडीए की नाक के नीचे तालाब की जमीन पर अवैध प्लाटिंग, भू-माफिया हावी

चंदौली। ये तो हद ही हो गई। नगर पालिका परिषद मुगलसराय में सीएम की मंशा को भू-माफिया अपने रसूख तले रौंद रहे हैं। नगर पालिका और वीडीए की नाक के नीचे तालाब की भूमि पर धड़ल्ले से अवैध प्लाटिंग हो रही है। पालिका क्षेत्र के मवई में स्थित तकरीबन 55 बीघा तालाब की जमीन का आधे से ज्यादा हिस्सा पाट लिया गया है। कुछ रसूखदार भू-माफिया सत्ता पक्ष के नेताओं के संरक्षण में लाखों का वारा न्यारा कर रहे हैं। भ्रष्टाचार की यह गंध न तो अधिकारियों और ना ही नगर पालिका के सक्षम लोगों की नाक तक पहुंच रही है। आरोप तो यह भी लग रहे हैं कि सबकी मिलीभगत से ही यह अवैध काम हो रहा है।

नगर पालिका और वीडीए बेखबर
यूं तो वीडीए के अधिकारी वहां भी पहुंच जाते हैं जहां बगैर नक्श पास कराए निर्माण कार्य होता है। लेकिन नगर पालिका क्षेत्र के मवईं में 55 बीघा तालाब का अस्तित्व समाप्ति की ओर है। दर्जनों अवैध इमारतें तन गई हैं लेकिन वीडीए बेखबर है। कुछ यही हाल नगर पालिका परिषद और तहसील के अधिकारियों का भी है। जबकि पैमाइश में भी तालाब का रकबा स्पष्ट हो चुका है। मुकदमे की फाइल एसडीएम के यहां पड़ी धूल फांक रही है। लेकिन इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से भू-माफिया हावी हैं। तालाब की जमीन पर कब्जा और अवैध प्लाटिंग में नगर के ही कुछ बड़े और रसूखदार लोगों के नाम सामने आ रहे हैं। शायद यही वजह है कि सबकुछ जानते हुए भी नगर पालिका और वीडीए अपनी आंख बंद किए हुए हैं।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

– नगर पालिका अध्यक्ष संतोष खरवार का कहना है कि प्रकरण संज्ञान में है। पूर्व में मेरे द्वारा खुद नोटिस भेजी गई थी। तहसील में शिकायत के बाद भूमि की पैमाइश कराई जा चुकी है। दोबारा अवैध कब्जे का मामला संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा है तो फिर से इसकी जांच कराकर तालाब की जमीन की घेराबंदी कराई जाएगी। तालाब की जमीन पर कब्जा कर लेना संभव नहीं है।

– एसडीएम मुगलसराय विजय नारायण सिंह का कहना है कि मामला अभी संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा है तो जल्द ही इसकी कायदे से जांच कराई जाएगी। कोई भी तालाब की जमीन पर कब्जा नहीं कर सकेगा।

– समाजसेवी और इस प्रकरण को उठाने वाले विकास शर्मा का कहना है कि तालाब की जमीन को पाटने और अवैध प्लाटिंग में तहसील से लेकर नगर पालिका और वीडीए के जिम्मेदार लोग मिले हुए हैं। रिपोर्ट लगने के बाद भी फाइल एसडीएम के यहां पड़ी हुई है।

 

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