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खनन माफियाओं के आगे चंदौली प्रशासन बौना, रात के अंधेरे में तोड़े जा रहे पत्थर

चंदौली। कह सकते हैं कि चंदौली में खनन माफियाओं के आगे प्रशासनिक और पुलिस अमला बौना बन चुका है। जिले के इलिया चकिया, शहाबगंज समेत कई स्थानों पर पहाड़ों को तोड़ कर अवैध तरीके से पत्थरों की सप्लाई की जा रही है। यह खेल रात के अंधेरे में होता है और पुलिस पर मिलीभगत के आरोध भी लगते हैं। अधिकारियों के मौन से खनन करने वालों को बल मिल रहा है।

खनन माफियाओं को प्रशासन का डर नहीं है। प्रतिबंध के बावजूद खुलेआम पत्थरों का खनन व ढुलाई की जा रही है। खनन में लिप्त लोग कभी खुली ट्राली तो कभी ट्राली पर पत्थर को तिरपाल से ढंककर ढुलाई कर रहे हैं। माफिया नौगढ़ क्षेत्र के गरीब लोगों की बेरोगारी का फायदा उठाते हुए उनसे ही पत्थरों को तोड़ने का काम करवाते हैं। इस तरह अवैध पत्थर खनन का कारोबार कर माफिया मालामाल हो रहे हैं। चकिया क्षेत्र में पत्थर खनन माफियाओं का एक बड़ा साम्राज्य स्थापित हो चुका है। जिससे वन संपदा को खतरा पैदा हो गया है। क्षेत्र में अवैध कटान के साथ साथ अवैध खनन का कारोबार जारी है। चकिया क्षेत्र के चनुवरा पहाड़, चकरा पहाड़, मानगढ़ ढोलकिया पहाड़, भुड़कुड़िया पहाड़ व गोलिया पहाड़ से अवैध पत्थर खनन करने का कारोबार तेजी से चल रहा है। प्रकृति को हरा भरा और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिये सरकार पौधारोपण के अलावा जंगलों की सुरक्षा एवं उनके संरक्षण पर प्रति वर्ष करोड़ांे रुपये खर्च कर रही है। पर कुछ लोग अपने लाभ के खातिर जंगल के अस्तित्व की चिंता न करते हुए अवैध खनन करने पर आमादा हैं। इस समय क्षेत्र में प्रतिदिन दर्जनों ट्रैक्टर अवैध बोल्डर (पत्थर) लेकर रात में निकल रहे हैं। क्षेत्र के लोगों ने बताया कि अवैध बोल्डर (पत्थर) निकालने की शिकायत पर विभागीय अधिकारी एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।

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