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चंदौलीराज्य/जिलाशिक्षा

चंदौली के इस गांव में दिखी आजाद भारत की हैरान कर देने वाली तस्वीर, पेड़ ने नीचे चल रहा प्राथमिक विद्यालय

तरुण भार्गव

चंदौली। सर्व शिक्षा अभियान के नाम पर सरकार पानी की तरह पैसा बहा रही है। लेकिन नक्सल प्रभावित नौगढ़ की जो तस्वीर आप को दिखाएंगे वह हैरान कर देने वाली है। प्राथमिक विद्यालय गोड़टूटवां के बच्चे जंगली पेडों के नीचे पढ़ते हैं। यहां विद्यालय भवन के नाम पर इमारत तो खड़ी कर दी गई लेकिन उसपर एक अदद छत तक नहीं पड़ सकी है। कल्पना करिए कि बरसात, तेज धूप और कड़ाके की ठंड में बच्चों और अध्यापकों की दशा क्या होती होगी। लेकिन यही सच्चाई है जो यहां के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को आईना दिखा रही है।

प्राथमिक विद्यालय गोड़टूटवां का छत विहीन भवन

नौगढ़ ब्लाक नक्सल प्रभावित है। यहां विकास के नाम पर सरकार करोड़ो रुपये का बजट जारी करती है। लेकिन गोड़टूटवां प्राथमिक स्कूल को एक अदद भवन तक मयस्सर नहीं है। बेसिक शिक्षा विभाग और वन विभाग के बीच जमीन को लेकर जारी गतिरोध का खामियाजा यहां पढ़ने वाले गरीब वर्ग के बच्चे भुगत रहे हैं। परिसर में स्थित जंगली पेड़ ही बच्चों के लिए सहारा बने हुए हैं। पेड़ों के नीचे ही कक्षा लगती है और बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। लेकिन मुश्किल तो तब होती है जब तेज बरसात शुरू हो जाती है। सिर छिपाने के लिए छत तक नहीं मिल पाती। विद्यालय के सहायक अध्यापक राजीव कुमार ने बताया कि वर्ष 2008 में विद्यालय भवन का निर्माण शुरू हुआ। लेकिन वन विभाग के लोगों ने काम रुकवा दिया। तब से लेकर आज तक भवन छत विहीन पड़ा है। विभागीय अधिकारियों को इसकी जानकारी है।

विद्यालय भवन की भूमि को लेकर गतिरोध बना हुआ था। जिलाधिकारी स्तर पर वन विभाग से वार्ता की गई है। संभवतः एनओसी प्राप्त हो गई है। बरसात के बाद छत पड़ जाएगी और भवन का निर्माण भी पूरा करा लिया जाएगा। सत्येंद्र सिंह बेसिक शिक्षा अधिकारी चंदौली।

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