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वाराणसी

Varanasi News: महामना की बगिया का विभाजन किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं, पुरातन छात्रों में भी दिखा आक्रोश

वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित विश्वनाथ मंदिर से आज पूर्व प्रोफेसर पुरातन और वर्तमान छात्रों का एक हुजूम उमड़ा। जिसके बाद एक रैली निकाली गई। यह रैली विश्वविद्यालय के विभाजन को लेकर निकाली गई थी। जब से बीएचयू और आईआईटी बीएचयू विभाजन का लोगों के पास संदेश पहुंचा है। तभी से यहां के छात्र पूर्व प्रोफेसर और पुरातन छात्रों में भारी जन आक्रोश देखा जा सकता है। यह आक्रोश जन-जन तक पहुंचा जा रहा है।

वहीं सोशल मीडिया भी इससे अछूता नहीं है। सभी जगह इस बात को लेकर लोगों में आक्रोश देखा जा सकता है। बता दें कि हजारों की संख्या में लोगों ने बीएचयू विभाजन को लेकर विश्वनाथ मंदिर से मार्च निकाला। जो वाणिज्य संकाय, हिंदी विभाग, समाजशास्त्र विभाग, मैत्री भवन, कुलपति आवास से होते हुए मालवीय भवन तक गया। इस दौरान लोग हाथों में स्लोगन लिखे हुए पोस्टर लिए हुए नारेबाजी करते हुए जा रहे थे।

इस दौरान पुरातन छात्रों ने कहा कि महामना की इस बगिया को बिगड़ने नहीं देंगे। यह महामना की बगिया महामना की सोच थी। इस कैंपस में आईआईटी के बच्चे भी पढ़े, डॉक्टर भी पढ़े और समाजशास्त्र के विद्यार्थी भी पढ़े। परंतु कुछ लोग इसका विभाजन करना चाहते हैं जो हम लोग कहीं से भी स्वीकार नहीं करेंगे। हम लोग पुरातन छात्र हैं और इस तरह की बातें करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देंगे।

वही कौशल किशोर मिश्रा जो समाजशास्त्र के पूर्व प्रोफेसर पूर्व डीन भी रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह जो महामना की बगिया है यहां का एक-एक ईंट, एक-एक पेड़ मन की सोच है और इसका विभाजन किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। यहां पर कुछ ऐसी विचारधारा के लोग आ गए हैं। जो बीएचयू का विभाजन चाहते हैं परंतु बीएचयू का विभाजन नहीं होने दिया जाएगा। यह कहीं से भी स्वीकार नहीं है।

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