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चंदौली। पूर्व विधायक साधना सिंह एक बार फिर चर्चा में हैं। इसके पहले चर्चा में तब आई थी जब सिटिंग विधायक होते हुए भी उनका टिकट काट दिया गया था और उनके समर्थकों ने चंदौली सांसद का खुलेआम पुतला फूंका था। पूर्व विधायक लोकसभा टिकट की दावेदारी कर रही थीं और क्षेत्र में लगातार सक्रिय थीं। उन्हें राज्यसभा भेजना चंदौली में नाराज राजपूत मतदाताओं को साधने की कवायद से जोड़ कर देखा जा रहा है।
साधना सिंह की जुझारू छवि को देखते हुए पार्टी ने 2017 के विधानसभा चुनाव मुगलसराय विधानसभा से उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया था। उन्होंने जीत हासिल कर कमल खिलाने का काम किया। हालांकि, सिटिंग एमएलए होने के बावजूद 2022 के विधानसभा चुनाव में उनका टिकट काटकर रमेश जायसवाल को पकड़ा दिया गया। इससे साधना सिंह के समर्थकों और खासतौर से राजपूत वर्ग में खासी नाराजगी रही। यह नाराजगी तब सबके सामने आ गई, जब समर्थकों ने मुख्यालय पर चंदौली सांसद और तत्कालीन भाजपा जिलाध्यक्ष का पुतला फूंककर विरोध जताया। पूर्व विधायक इस बार लोकसभा चुनाव की तैयारी में थीं। उन्होंने चंदौली लोकसभा सीट से दावेदारी भी पेश कर दी थी। इसलिए क्षेत्र में भी सक्रिय भी रहीं। राजनीतिक जानकारों की मानें तो साधना का टिकट कटने से नाराज राजपूत मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए संगठन ने उन्हें राज्यसभा का उम्मीदवार घोषित किया है।
संगठन की ओर से यूपी की सात सीटों के लिए प्रत्याशियों की घोषणा की है। इसमें उन्हीं नेताओं को उम्मीदवार बनाया गया है, जिनके पास लंबा संसदीय अनुभव है। ऐसे में साधना को राज्यसभा का उम्मीदवार घोषित किए जाने को लेकर लोगों में चर्चाएं तेज हैं।