
चंदौली। ओह! शिक्षा के नाम पर मुनाफाखोरी का यह रूप। चंदौली जिले में दो वर्षों से एक स्कूल फर्जी तरीके के संचालित किया जा रहा है। हाईवे पर स्थित जिस स्कूल को लोग “फिजिक्सवाला गुरुकुलम” के नाम से जानते हैं, असल में वह “हेरिटेज वर्ल्ड स्कूल” है। लेकिन न तो स्कूल की मान्यता है, न ही नाम के पीछे की कानूनी प्रक्रिया पूरी की गई है। इसके बावजूद स्कूल में बच्चों का प्रवेश लिया गया और अभिभावकों से लाखों की फीस वसूली गई। ऐसे में सैकड़ों बच्चों का भविष्य अब दांव पर लगा है।
ऐसे खेला गया फर्जीवाड़े का खेल
मुगलसराय के बड़े व्यवसायी सुभाष तुलस्यान ने “हेरिटेज वर्ल्ड स्कूल” खोला। वर्ष 2018 में इसे बेसिक शिक्षा विभाग से मान्यता भी प्राप्त हुई। लेकिन जब अपेक्षित मुनाफा नहीं हुआ, तो उसी भवन को 20 साल की लीज पर कथित “PW गुरुकुलम” को दे दिया गया।
जबकि बेसिक शिक्षा विभाग केवल 25 साल या उससे अधिक की लीज पर मान्यता देता है। बावजूद इसके, बिना मान्यता के PW गुरुकुलम के नाम पर स्कूल चलने लगा। भवन पर हेरिटेज स्कूल की मान्यता थी, पर बाहर केवल PW गुरुकुलम का नाम दिखाई देता रहा। संचालकों ने ‘PW गुरुकुलम’ के नाम से बड़े पैमाने पर प्रचार किया और नामी ब्रांड की आड़ में मोटी फीस लेकर छात्रों का प्रवेश भी लिया।
जब विभागीय मान्यता नहीं मिली और सीबीएसई ने भी कागजों की खामियों को देखते हुए विद्यालय को मान्यता देने से इनकार कर दिया, तब मामला मीडिया के सामने आया। लेकिन इसके बावजूद बेसिक शिक्षा विभाग ने ठोस कार्रवाई के बजाय केवल नोटिस थमा कर खानापूर्ति की। जब दबाव बढ़ा तो विभाग ने विद्यालय को नाम बदलने और संचालन बंद करने का निर्देश तो जारी किया, लेकिन उस पर कोई कड़ाई नहीं दिखाई गई।
प्रबंधन इन खबरों को फर्जी बताते हुए आदेशों को भी नज़रअंदाज कर दिया। वहीं, विद्यालय प्रबंधन अभिभावकों को व्यक्तिगत मैसेज भेजकर गुमराह कर रहा है। सवाल यह है कि क्या शिक्षा विभाग की यह लापरवाही एक सुनियोजित मिलीभगत है या सिर्फ प्रशासनिक असक्षमता? बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ अब तक कोई सख्त कार्रवाई न होना कई सवाल खड़े करता है।