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क्राइमचंदौली

क्राइम मीटिंग में कप्तान ने थानेदारों की कसी नकेल, कानून व्यवस्था की समीक्षा की, बोले, अपराधियों पर करें गैंगस्टर व गुंडा एक्ट की कार्रवाई

चंदौली। पुलिस अधीक्षक डा. अनिल कुमार ने पुलिस लाइन सभागार में क्राइम मीटिंग की। इस दौरान कानून व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने अपराधियों के खिलाफ गुंडा एक्ट व गैंगस्टर की कार्रवाई के निर्देश दिए।

एसपी ने आगामी पर्वों/त्यौहारों को सकुशल संपन्न कराए जाने के दृष्टिगत की जा रही तैयारियों के बाबत जानकारी ली। आइजीआरएस व जनसुनवाई के माध्यम से प्राप्त प्रार्थना पत्रों के डिफाल्टर से पूर्व की स्थिति में समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण निस्तारण हेतु सभी संबंधित को सख्त निर्देश दिए। कहा कि लापरवाही बरतने वाले थाना प्रभारियों व पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। प्रकरण अत्यंत महत्वपूर्ण व शासन से सम्बंधित है। प्राप्त शिकायतों का अलग से रजिस्टर बनाकर उस पर अंकित किया जाए। विवादित प्रकरणों में निरोधात्मक कार्यवाही अवश्य की जाए। टॉप टेन सूची में शामिल अभियुक्तों की सतत निगरानी व उनके विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई करें। यूपी 112 पर प्राप्त सूचनाओं के बाद पीआरवी मौके पर पहुंचकर त्वरित कार्रवाई करे। लुटेरे, अवैध शराब व पशु तस्करों आदि पेशेवर अपराधियों की सूची तैयार कर उनकी सतत निगरानी व सत्यापन करते हुए उनके विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई की जाए। अपराध की रोकथाम एवं अपराधियों की पहचान एवं गिरफ्तारी के लिए चलाए जा रहे “आपरेशन त्रिनेत्र” के तहत ग्राम पंचायत एवं व्यापारी बन्धुओं व प्रतिष्ठान मालिकों, समाजसेवियों व अन्य लोगों से संग वार्ता कर/सामंजस्य बना अधिक से सीसीटीवी कैमरे अधिष्ठापित कराएं। शासन के निर्देशानुसार चिह्नित अपराधों में दोषियों को न्यायालय से सजा दिलाए जाने हेतु चलाए जा रहे “आपरेशन कन्विक्सन” के तहत अभियोजक व मानिटरिगं सेल द्वारा समन्वय बना प्रभावी पैरवी कर दिलाई जाए। लम्बित विवेचनाओं व प्राप्त प्रार्थना पत्रों की जांच व गुणवत्तापूर्ण निस्तारण समयबद्ध कराया जाए तथा महिला/बालिकाओं से सम्बंधित अपराधों में गम्भीरता से कार्रवाई के लिए निर्देश दिए। कहा कि बिना नंबर प्लेट व त्रुटिपूर्ण नंबर प्लेट लगे वाहनों की सघन चेकिंग, रात्रि गश्त, पैदल गश्त किया जाए। आमजनमानस के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार न किया जाए। ‘महिला हेल्प डेस्क’ पर 24 घंटे महिला पुलिसकर्मी तैनात रहें। महिलाओं व बालिकाओं की समस्या/शिकायत को गंभीरता से सुन प्रतिदिन प्राप्त प्रार्थना पत्रों की ससमय जांच कराते हुए समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।

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