
संवाददाताः कार्तिकेय पांडेय
चकिया। टिकट देने में देरी ने चकिया विधान सभा में बीजेपी और एसपी समर्थकों की बेचैनी बढ़ा दी है। बड़े दलों में अकेले बसपा ने ही अपना प्रत्याशी घोषित किया है। बसपा उम्मीदवार विकास आजाद चुनाव प्रचार में जुट चुके हैं और बड़ी जीत का दावा भी कर रहे हैं। बसपा बेस वोट की एकजुटता और विपक्षी दलों के वोटों में बिखराव को अपने पक्ष में बता रहे हैं।
चकिया विधानसभा की बात करें तो दलित बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण इस चुनाव में बसपा को कमतर नहीं आंक सकते। ऐसे में टिकट घोषित नहीं होने से बीजेपी और सपा समर्थक मायूस हैं। पिछले चुनावों की बात करें तो चकिया विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक जितेंद्र कुमार एडवोकेट 2007 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े और दलितों का भरपूर समर्थन मिला, जिसके दम पर उन्होंने जीत हासिल की। वहीं 2012 मे बसपा के जितेंद्र कुमार को हराकर पूनम सोनकर ने जीत हासिल किया। वहीं 2017 के चुनाव में चकिया से भाजपा के शारदा प्रसाद ने जीत हासिल की तब भी बसपा दूसरे स्थान पर रही। लेकिन इस बार मैदान में बहुजन समाज पार्टी द्वारा नए प्रत्याशी विकास आजाद को उतारे जाने के बाद बसपा समर्थकों में उत्साह नजर आ रहा है। देखना यह है कि सपा और भाजपा कब तक अपने प्रत्याशी घोषित करती हैं।