वाराणसी

वाराणसी : वासंतिक नवरात्रि के पहले दिन कीजिये मां शैलपुत्री के दर्शन, अलईपुरा में है माता का भव्य मंदिर

वाराणसी। आज से वासंतिक नवरात्रि के पावन पर्व की शुरुआत हो गई है। नवरात्र के पहले दिन माता शैलपुत्री के दर्शन पूजन की मान्यता है। वाराणसी के बनारस स्टेशन से कुछ दूर अलईपुरा स्थित माता शैलपुत्री के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ सुबह से ही लग रही है। नवरात्रि भर मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी लाइन देखने को मिलती है।

मंदिर के पुजारी बताते हैं, शैलपुत्री अपने दाहिने हाथ की छोटी उंगली से भक्तों की बुरी संगति के कारण आने वाली सभी समस्याओं, बाधाओं को दूर करती हैं। अपने पहले रूप में मां दुर्गा को शैलपुत्री के नाम से जाना जाता है। हिमालय पर्वत के राजा की बेटी होने के कारण उन्हें यह नाम मिला था। उनका वाहन बैल है, उनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल है। नवरात्रि के दौरान जिन नौ दुर्गाओं की पूजा की जाती हैं, उनमें मां शैलपुत्री पहली दुर्गा हैं।

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि मंगलवार रात 11.04 बजे लग गई जो बुधवार रात 9.24 बजे तक रहेगी। इसी तरह उदया तिथि अनुसार बुधवार से वासंतिक नवरात्र का आरंभ हो रहा है। मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए दर्शन पूजन के समूचित इंतजाम हो रहा तो घरों में कलश स्थापना की खरीदारी की गई।

कलश स्थापना मुहूर्त
घट स्थापन के लिए प्रातः काल विशेष शुभ होता है। घट स्थापन का शुभ मुहूर्त प्रातः 6 बजे से 7.07 बजे तक और उसके बाद 8.44 से 10.40 तक है। इस अवधि में जो लोग कलश स्थापन न कर पाएं वे अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12.06 से 12.54 बजे तक या पूरे दिन कभी भी कर सकते हैं।

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