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Chandauli News : अब विदेश निर्यात होगी चंदौली की सब्जी, मालामाल होंगे किसान

चंदौली। काला चावल और मिर्च के बाद अब चंदौली की सब्जियां भी विदेशों में अपनी पहचान बनाएंगी। जिले में सब्जियों के निर्यात की तैयारी शुरू हो चुकी है, जिससे स्थानीय किसानों को बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है। इसके तहत किसानों को रसायन मुक्त सब्जियों की खेती और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उत्पादन के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।

 

जिला उद्यान विभाग की योजना है कि एपीडा (एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी) के सहयोग से सब्जियों का विदेश निर्यात किया जाए। अभी तक चंदौली के किसान मिर्च और काला चावल वाराणसी, गाजीपुर और भदोही के निर्यातकों के माध्यम से विदेश भेजते रहे हैं। नई योजना के तहत किसान संगठन बनाकर सीधे निर्यात कर सकेंगे। इस प्रक्रिया में किसानों को 10 लाख रुपये तक का अनुदान भी दिया जाएगा।

 

प्रशिक्षण और उन्नत तकनीक का उपयोग
जिला उद्यान अधिकारी डॉ. शैलेंद्र देव दुबे ने बताया कि किसानों को रसायन मुक्त खेती के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके अलावा, माधोपुर स्थित इंडो-इजराइल तकनीक पर आधारित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस नर्सरी अगले साल तक पूरी तरह चालू हो जाएगी। यहां से रोग-मुक्त और उन्नत किस्म की सब्जियों के पौधे किसानों को रियायती दरों पर उपलब्ध कराए जाएंगे।

 

डॉ. दुबे ने बताया कि वर्तमान में किसान जिन बीजों का उपयोग कर रहे हैं, उनसे फसल उत्पादन के लिए अत्यधिक रसायनों का उपयोग करना पड़ता है। इससे न केवल सब्जियों की गुणवत्ता प्रभावित होती है, बल्कि वे निर्यात मानकों को भी पूरा नहीं कर पातीं। नई नर्सरी और उन्नत तकनीक के इस्तेमाल से यह समस्या हल होगी।

 

स्थानीय से वैश्विक पहचान
इस योजना से किसानों को वैश्विक बाजार तक सीधी पहुंच मिलेगी, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी। रसायन मुक्त खेती से न केवल सब्जियों की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी लाभकारी साबित होगी। जिले के किसान अब आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ा रहे हैं।

 

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