
चंदौली। मुख्य विकास अधिकारी आर. जगत साईं की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में बालक एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के प्रभावी क्रियान्वयन पर चर्चा की गई। बैठक का उद्देश्य वर्ष 2026 तक चंदौली को बाल श्रम मुक्त जनपद घोषित करने की दिशा में ठोस रणनीति तैयार करना रहा।
बैठक में श्रम प्रवर्तन अधिकारी ने बताया कि यदि किसी फैक्ट्री, दुकान, प्रतिष्ठान, संस्था या घर में बाल श्रमिकों से कार्य लिया जाता है, तो नियोजकों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत ₹20,000 से ₹50,000 तक जुर्माना, साथ ही 6 माह से 2 वर्ष तक की कैद अथवा दोनों सजाएं दी जा सकती हैं।
मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिए कि तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में टीमें गठित कर विशेष अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि सभी विभाग बेहतर समन्वय और सहयोग से कार्य करें, ताकि निर्धारित समयसीमा के भीतर जिले को बाल श्रम मुक्त बनाया जा सके।
बैठक में जनपद स्तरीय टास्क फोर्स एवं बाल श्रम उन्मूलन समिति के साथ ही मुख्य चिकित्साधिकारी, श्रम प्रवर्तन अधिकारी चंद्र प्रकाश, जिला प्रोबेशन अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, अन्य अधिकारी और स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।