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चंदौली। टैंकर की वेल्डिंग करते समय ब्लास्ट होने से वेल्डिंग मिस्त्री और उसका हेल्पर गंभीर रूप से झुलस गए। दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को पुत्र अलीनगर थाने का चक्कर लगाता रहा। लेकिन पुलिस उसे टरकाती रही। जिंदगी और मौत के बीच जुझ रहे मिस्त्री की वाराणसी के निजी अस्पताल में मौत हो गई। दर्जनों की संख्या में ग्रामीण और परिजन शव लेकर थाने पहुंचकर गए इसके बाद पुलिस की मानवता जागी और मामला दर्ज किया।
अलीनगर थाना के नई बस्ती निवासी विश्वजीत चौहान ने आरोप लगाते हुए बताया कि उसके पिता रमेश चौहान वेल्डिंग मिस्त्री थे। जीटी रोड आलमपुर में उनकी दुकान थी। 25 जनवरी को टैंकर मालिक दुकान पर आए और पिता से टैंकर की टंकी की वेल्डिंग करने को कहा। पिता ने कहा कि पहले टैंकर की कायदे से सफाई कराइए इसके बाद ही वेल्डिंग होगी । वाहन स्वामी अगले दिन फिर आए और कहा कि टैंकर की सफाई हो चुकी है। इस तरह झूठ बोलकर और दबाव बनाकर पिता से वेल्डिंग करवाई। मेरे पिता रमेश चौहान और उनके सहयोगी भरत पासवान निवासी मुगलचक वेल्डिंग करने लगे। जैसे ही काम शुरू हुआ टैंकर धमाके के साथ फट गया। दोनों लोग गंभीर रूप से झुलस गए। रमेश चौहान को वाराणसी के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि हेल्पर भरत पासवान का इलाज मुगलसराय के निजी अस्पताल में चल रहा है। इस बीच दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को विश्वजीत चौहान थाने का चक्कर लगाते रहे और पुलिस उन्हे टरकाती रही। चार फरवरी को रमेश चौहान की इलाज के दौरान ही मौत हो गई। नाराज ग्रामीण शव के साथ सीधे अलीनगर थाने पहुंचे। दबाव बढ़ने के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। इसके बाद ग्रामीण शांत हुए। अलीनगर पुलिस के अमानवीय कृत्य की खूब चर्चा हो रही है।