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संस्कृति एवं ज्योतिष

Surya Grahan 2023: सूर्य ग्रहण खत्म होते ही शुरू होंगे शारदीय नवरात्रि, इन बातों का रखें खास ध्यान

पितृ पक्ष समाप्त होने के बाद अमावस्या के अगले दिन नवरात्रि की शुरुआत होती है जिसे शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। हिंदू धर्म में नवरात्रि का खास महत्व होता है और इस दौरान मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों का पूजन किया जाता है। पंचांग के अनुसार इस साल शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर 2023 से शुरू हो रहे हैं। सबसे खास बात है कि इससे एक दिन पहले यानि 14 अक्टूबर 2023 को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भी लगने वाला है। ऐसे में सूर्य ग्रहण और नवरात्रि के बीच केवल कुछ ही घंटों का अंतर रहेगा। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण को एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना जाता है क्योंकि इसका असर सभी राशियों के जीवन पर पड़ता है। आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण शारदीय नवरात्रि के बीच कितना अंतर होगा और इस दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

सूर्य ग्रहण 2023
साल का आखिरी सूर्य 14 अक्टूबर 2023 को लगने जा रहा है जो कि भारतीय समय के अनुसार रात 8 बजकर 34 मिनट पर शुरू होगा और मध्य रात्रि 2 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगा।

शारदीय नवरात्रि 2023
पंचांग के अनुसार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन शारदीय नवरात्रि शुरू होते हैं। इस साल यह तिथि 14 अक्टूबर को रात 11 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 15 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 32 मिनट पर होगा। ऐसे में पहला नवरात्रि व्रत 15 अक्टूबर 2023 को रखा जाएगा।

घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
शारदीय नवरात्रि की शुरुआत घटस्थापना के साथ की जाती है। नवरात्रि पर घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 48 मिनट से दोपहर 12 बजकर 36 मिनट तक रहेगा।

सूर्य ग्रहण खत्म होते ही करें ये काम
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर 2023 को लगने जा रहा है लेकिन यह ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा। जहां सूर्य ग्रहण नहीं दिखता वहां सूतक काल भी मान्य नहीं होता लेकिन हिंदू धर्म में ग्रहण को अशुभ घटना माना गया है इसलिए इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है। इस साल सूर्य ग्रहण खत्म होते ही शारदीय नवरात्रि शुरू हो रहे हैं इसलिए घटस्थापना से पहले कुछ बातों का जरूर ध्यान रखें।

भारतीय समय के अनुसार सूर्य ग्रहण रात्रि के समय होगा। ऐसे में ग्रहण समाप्त होने पर या फिर सुबह जल्दी उठकर घर की साफ-सफाई करें और पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें। साथ ही मंदिर को भी गंगाजल से शुद्ध करें और सभी देवी-देवताओं का स्नान कराकर स्वच्छ वस्त्र पहनाएं। इसके बाद ही घटस्थापना करें।

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