
चंदौली। ऑपरेशन कन्विक्शन अभियान के तहत पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। इस विशेष अभियान के अंतर्गत वैज्ञानिक विवेचना, सटीक साक्ष्य संकलन और लोक अभियोजन की प्रभावी पैरवी के परिणामस्वरूप आठ अभियुक्तों को 7-7 वर्ष के कठोर कारावास और 17,000-17,000 के जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
प्रकरण थाना बलुआ अंतर्गत 11 सितंबर 2005 को दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 72/2005 से संबंधित है। अभियुक्तों के विरुद्ध धारा 147, 148, 325, 504, 307 भादवि एवं 3(2)(5) एससी/एसटी अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया था। पुलिस की प्रभावी पैरवी के चलते अभियुक्तों मनोज मौर्य पुत्र नन्दलाल मौर्य, नवल किशोर मौर्य पुत्र राजकुमार मौर्य, विंदू उर्फ विजय पुत्र ओमकारनाथ, रिंकू उर्फ रत्नेश पुत्र ओमकारनाथ मौर्य, कृष्णानन्द मौर्य पुत्र रामनाथ, शशिकान्त मौर्य पुत्र जयप्रकाश, मुसाफिर मौर्य पुत्र रामचरण और राघव मौर्य पुत्र रामचरण पर दोष सिद्ध हुआ। सभी अभियुक्त ग्राम रानेपुर थाना बलुआ के निवासी हैं।
पुलिस अधीक्षक चंदौली आदित्य लांग्हे के निर्देशन और अपर पुलिस अधीक्षक सदर व क्षेत्राधिकारी पीडीडीयू नगर के पर्यवेक्षण में मानिटरिंग सेल प्रभारी उपनिरीक्षक आकाश त्रिपाठी, अभियोजक जयप्रताप सिंह (एडीजीसी) और थाना बलुआ के पैरोकार कांस्टेबल बृजेश सरोज ने मजबूत पैरवी के साथ न्यायालय में प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्तों को दोषी सिद्ध कराया। विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी) रामबाबू यादव द्वारा प्रत्येक अभियुक्त को 7 वर्ष का कठोर कारावास और 17,000 के अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड न चुकाने की स्थिति में 20 दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।