
चंदौली। जनपद में शराब तस्करी का नेटवर्क अब रेलवे ट्रैक से बढ़कर सीधे शराब गोदामों तक पहुंच गया है। सूत्रों के अनुसार, आईजी और एसपी की सख्ती के बाद जब चंदौली पुलिस ने रेलवे ट्रैक पर निगरानी बढ़ाई तो शराब माफिया ने अपना तरीका और पैंतरा बदल लिया। अब गोदामों से ही स्टॉक मिलान’ कर तस्करी शुरू हो गई है।
अलीनगर स्थित एक बड़े शराब व्यापारी के गोदाम से सबसे अधिक तस्करी हो रही है। बताया जा रहा है कि यह व्यापारी सत्ता पक्ष से जुड़ा हुआ है और उसे राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। यही नहीं, पूर्व में उसके होटल में विदेशी युवतियों के पकड़े जाने की घटना ने भी उसे चर्चाओं में ला दिया था।
तस्करी के संचालन की जिम्मेदारी मुगलसराय और अलीनगर क्षेत्र में सक्रिय नीरज नामक व्यक्ति को दी गई है। नीरज पहले परसुरामपुर ठेके का काम संभालता था और अब वह गैस ट्रॉली चलाते-चलाते लाखों की अवैध संपत्ति का मालिक बन चुका है। सूत्रों का दावा है कि वह विगत कई वर्षों से अवैध शराब तस्करी में संलिप्त है।
बिहार के तस्कर प्रतिदिन भोर में तीन बजे के बाद रेलवे के माध्यम से शराब लेकर रवाना होते हैं। इन गतिविधियों के बीच हैरानी की बात यह है कि जिले की क्राइम ब्रांच और स्थानीय पुलिस की नजरें अभी तक शराब गोदामों पर नहीं पड़ी हैं।
हालांकि कुछ समय पूर्व मुगलसराय कोतवाली पुलिस ने इस नेटवर्क के एक हिस्से का खुलासा करते हुए दो तस्करों को जेल भेजा था, लेकिन तस्करी की जड़ें कहीं अधिक गहरी और संरक्षित बताई जा रही हैं।
मामला संज्ञान में आया है तो इसकी कायदे से जांच कराई जाएगी। पुलिस टीम को लगाया जाएगा। शराब तस्करी में संलिप्त लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। आदित्य लांघे एसपी चंदौली