
चंदौली। अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दो दिवसीय दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर का लोकार्पण किया। इस पर पहली ट्रेन दौड़ाने के लिए वर्चुअली हरी झंडी दिखाई गई, लेकिन तकनीकी खराबी की वजह से रेलगाड़ी आगे नहीं बढ़ सकी। अचानक सामने आई गड़बड़ी से रेलवे महकमा सकते में आ गया। तकनीकी टीम गड़बड़ी को दूर करने में जुटी रही। वहीं इस बड़ी चूक की वजह से रेलवे की किरकिरी हो रही है। अधिकारी जांच के बाद कार्रवाई की बात कह रहे हैं।
पीएम मोदी के फ्रेट कारिडोर के लोकार्पण के बाद पहली ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया, लेकिन चलने से पहले ही ट्रेन में खराबी आ गई। इससे ट्रेन आगे ही नहीं बढ़ सकी। कई बार के प्रयास के बावजूद कामयाबी नहीं मिली। लोकार्पण के बावजूद ट्रेन अपने ओरिजिन स्टेशन पर ही खड़ी है। चूक सामने आने के बाद रेल अधिकारियों में हड़कंप मचा रहा। इसको लेकर डीएफसीसी के जीएम अपनी अलग दलील दे रहे है। दरअसल डेडिकेटेड रेल फ्रेड कॉरिडोर पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है। न्यू पीडीडीयू नगर स्टेशन से भाऊपुर के बीच 402 किलोमीटर लंबे रेल कॉरिडोर का निर्माण कराया गया है। पीएम मोदी ने वाराणसी से इसका वर्चुअल लोकार्पण किया। ताकि गुड्स और सवारी ट्रेनों का निर्बाध परिचालन हो सके। रेल अधिकारियों की लापरवाही के चलते अपनी पहली ही यात्रा पूरी नहीं कर सकी। इस बाबत डीएफएससी के जीएम जवाहर लाल का कहना है की डेडिकेटेड टैक दो ट्रेनों को एक साथ जोड़कर चलाने की तैयारी थी। ट्रेन की कुल लंबाई करीब डेढ़ किलोमीटर है। लंबाई ज्यादा होने के चलते किसी ने बीपी पाइप से छेड़छाड़ कर दी। इसके चलते ट्रेन रवाना नहीं हो सकी। जल्द ही टेक्निकल टीम इसे सही कर लेगी। इसकी जांच कराकर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।