
चंदौली। डीडीयू पोस्ट पर तैनात आरपीएफ इंस्पेक्टर का कारनामा इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। शनिवार को स्टेशन पर सवारी की तलाश में पहुंचे एक ऑटो चालक को न केवल जबरन उठाकर पीटा गया, बल्कि उसे जीआरपी को न सौंपते हुए सीधे अलीनगर पुलिस के हवाले कर दिया गया। अलीनगर पुलिस ने भी बिना तथ्य परखे धारा 151 में उसका चालान कर दिया। इस पूरे मामले पर पीड़ित ने गंभीर आरोप लगाए हैं और उच्चाधिकारियों से शिकायत की बात कही है।
काली महाल निवासी ऑटो चालक कमल चौरसिया उर्फ किशन का कहना है कि वह अन्य चालकों की तरह स्टेशन पर सवारी के इंतजार में था, तभी आरपीएफ के दो सिपाहियों ने उसे पकड़ लिया और इंस्पेक्टर के सामने पेश किया। आरोप है कि इंस्पेक्टर ने उस पर शराब तस्करी कबूलने का दबाव बनाया, और इंकार करने पर मारपीट की। इसके बाद उसे जीआरपी को नहीं सौंपते हुए अलीनगर थाने भेज दिया गया, जहां से उसका चालान कर दिया गया।
इस घटना ने आरपीएफ और पुलिसिया कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर तब जब ठीक एक दिन पहले शराब तस्करी के मास्टरमाइंड वीरेंद्र यादव को आरपीएफ ने पकड़ा था, लेकिन तगड़ी सेटिंग के चलते उसे सिर्फ बिना टिकट यात्रा में चालान कर छोड़ दिया गया। एक जैसे मामलों में दो तरह की कार्रवाई ने दोहरे मापदंड की ओर इशारा किया है। हालांकि आरपीएफ इंस्पेक्टर की यह चालाकी भारी पड़ सकती है। चंदौली एसपी आदित्य लांघे ने मामले को संज्ञान में लेते हुए निष्पक्ष जांच कराने की बात कही है।