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Chandauli News : मानव श्रृंखला बनाकर यातायात नियमों के प्रति किया जागरूक, डीएम ने दिलाई शपथ

चंदौली। नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती के अवसर पर मंगलवार को चंदौली पालीटेक्निक कालेज में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें मानव श्रृंखला बनाकर यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया गया। जिलाधिकारी निखिल टी फुंडे ने यातायात नियमों के पालन की शपथ दिलाई।

जिलाधिकारी ने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यातायात नियमों का पालन कराने और सड़क दुर्घटनाओं से बचने के लिए जन-सामान्य के साथ-साथ युवाओं एवं छात्र-छात्राओं को जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि जो शपथ ली है, उसका स्वयं पालन करें और अपने माता-पिता व परिवार की सदस्यों और आस-पड़ोस के लोगों को भी यातायात नियमों के संबंध में जागरूक करें। ताकि सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के साथ ही दुर्घटना में होने वाली मृत्यु दर को कम किया जा सके। कार्यक्रम का संचालन प्रभारी अधिकारी एआरटीओ व पीटीओ सूर्य प्रताप की ओर से नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जन्म दिवस के अवसर पर स्वाधीनता, संघर्ष एवं उनके जीवन पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला गया। इस दौरान यातायात जागरूकता के पंपलेट भी वितरित किए गए। इस मौके पर यातायात प्रभारी सुरेन्द्र कुमार यादव द्वारा भी ट्रैफिक नियमों के बारे में जागरूक किया गया। विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाचार्य सहित सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित रहे।

 

पराक्रम दिवस के रूप में मनाई नेताजी की जयंती 

चकिया स्थित सावित्री बाई फुले राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनाई गई। महाविद्यालय के पाठ्येत्तर गतिविधि प्रकोष्ठ द्वारा किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत नेताजी सुभाषचंद्र बोस के तैलचित्र पर प्राचार्य महोदया प्रो. संगीता सिन्हा एवम सभी प्राध्यापकों द्वारा माल्यार्पण एवम पुष्पांजलि से हुआ। ततपश्चात प्राचार्य महोदया ने दिवस के महत्व से अवगत कराते हुये छात्रों से नेताजी की जीवन शैली एवम शिक्षा को आत्मसात करने का आग्रह किया। कार्यक्रम में डॉ.संतोष कुमार यादव, डॉ. कलावती, डॉ. प्रियंका पटेल, डॉ. मिथिलेश सिंह,  रमाकांत गौड़, डॉ. सुरेंद्र कुमार सिंह,  पवन सिंह, डॉ. अमिता सिंह, डॉ. शमशेर बहादुर,और डॉ. अंकिता सती, कार्यालय से  देवेंद्र बहादुर सिंह,  राणाप्रताप सिंह,  सुरेंद्र प्रसाद सहित छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। संचालन, स्वागत व धन्यवाद ज्ञापन विश्वप्रकाश शुक्ल ने किया।

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