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वाराणसी : लिविंग लैब तकनीक से डेनमार्क करेगा वरुणा नदी का पुनरुद्धार, PM मोदी ने रखा था प्रस्ताव

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्ताव पर वाराणसी में गंगा की सहायक नदी वरुणा के पुनरुद्धार में डेनमार्क सहयोग करेगा। इसके लिए लिविंग लैब तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। इसके माध्यम से सतत नदी जल कायाकल्प, जल गुणवत्ता निगरानी व प्रबंधन जल गुणवत्ता मॉडलिंग के लिए तकनीकों का आदान-प्रदान होगा।

दोनों देशों के एक्सपर्ट्स ने की चर्चा
डेनमार्क दूतावास से अर्बन डेवलपमेंट विभाग की सेक्टर काउंसलर डॉ अनिता शर्मा, BHU सिविल इंजीनियरिंग विभाग के डॉ शिशिर गौड़, सीडीओ हिमांशु नागपाल, उपायुक्त मनरेगा करुणाकर अदीब और केंद्रीय जल आयोग के अधिकारियों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से परियोजना पर चर्चा की। इसमें प्राथमिक एजेंडा तय करने की दिशा में विचार-विमर्श किया गया।

PM मोदी ने नदियों को लेकर जताई थी चिंता
बता दें, नदियों को लेकर चिंतित प्रधानमंत्री मोदी ने अक्टूबर में डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन के भारत आगमन पर उनसे नदी उद्धार पर चर्चा की थी। इसके बाद डेनमार्क के सहयोग से सबसे पहले वरुणा के उद्धार की योजना बनाई गई। उस चर्चा के क्रम में सबसे पहले डेनमार्क के सहयोग से वरुणा के उद्धार की योजना बनी है।

इसमें डेनमार्क के सफल अनुभव, केंद्रीय जल आयोग के दिशा-निर्देश व आइआइटी बीएचयू के तकनीकी मार्गदर्शन में मनरेगा से विलुप्तप्राय वरुणा के पुनर्जीवन का कार्य किया जाएगा। इसे शुरू करने के बाद छह माह में खाका तैयार होगा कि आगे क्या-क्या करना है।

क्या है लिविंग लैब तकनीक
डॉ गौड़ ने बताया कि डेनमार्क ने नदियों के उद्धार के लिए काफी काम किया है। भारत उसके अनुभव का लाभ लेना चाहता है। इसके तहत डेनमार्क की स्मार्ट प्रयोगशाला ( एसएलसीआर) के लिविंग लैब अवधारणा का सहारा लेंगे। इसमें संस्थान में स्थित प्रयोगशाला के साथ-साथ नदी के किनारे चुनिंदा स्थलों पर पर भी शोध किए जाएंगे। इसमें दोनों अध्ययनों को मिलाकर परिणाम निकाला जाता है।

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