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चंदौलीः एक साथ जुटे 10 राज्यों के सीएम को देखने उमड़ी भीड़, पड़ाव पर लगा नेताओं का जमघट

चंदौली।

राजनीति के आदर्श पुरुष पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को दस राज्यों के मुख्यमंत्रियों व उनकी पत्नियों ने एक घंटे तक आत्मसात किया। पड़ाव स्थित पंडित जी की प्रतिमा के समक्ष शीश नवाया और पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इंटरप्रिटेशन वाल पर उकेरे गए पंडित जी के विचारों व सिद्धांतों को पढ़ा तो बीआर बाक्स से उनकी जीवनी देखी। बाबा विश्वनाथ धाम के लोकार्पण कार्यक्रम के एक दिन बाद मंगलवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में एक साथ मुख्यमंत्रियों का आगमन हुआ। क्षेत्र में यह कौतूहल का विषय बना रहा।

शाम पांच बजे मुख्यमंत्रियों का काफिला आना शुरू हुआ। सुरक्षा की दृष्टि से सड़क के दोनों किनारों पर बैरिकेडिंग कर दी गई थी, ताकि यातायात व्यवस्था सुचारु रहे। नेताओं ने इस स्मारक में प्रतिमा के साथ संग्रहालय, प्रदर्शनी, कुंड का भी जायजा लिया। स्मृति संग्रहालय के बनावट को देखकर सभी ने इसकी तारीफ भी की। छह बजे के बाद सभी मुख्यमंत्री रवाना हो गए। इस दौरान
विधायक साधना सिंह, सुशील सिंह, दर्शना सिंह, अनिल गुप्ता, अभिमन्यु सिंह, राणा प्रताप आदि मौजूद रहे।

इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को देखने के लिए लगी रही भीड़
अरुणाचल प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री चौराहे पर स्मृति संग्रहालय पहुंचे तो नेताओं को देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। हालांकि पुलिस ने पहले ही सुरक्षा व्यवस्था तगड़ी कर रखी थी सड़क किनारे खड़े होकर लोग नेताओं के काफिले को निहारते रहे।

बोले राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा
राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा बहुत कम ऐसा होता है कि एक नेता में तीनों खूबियां हो। पंडित जी में तीनों खूबियां थीं। उन्होंने विचारधारा को एक विचार दिया, एकात्म मानववाद को स्थापित किया और जन नेता के रूप में कैसे काम करना चाहिए, इसकी सीख दी। संगठन की दृष्टि से देखा जाए तो बहुत कम अवधि में राष्ट्रीय महामंत्री व राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में उन्होंने भारतीय जनसंघ को अखिल भारतीय पार्टी बनाया। ऐसे महान विभूति, जो हम सबको असमय छोड़कर चले गए। पड़ाव उनका अंतिम पड़ाव रहा है। इसीलिए यहां से जुड़ाव है।

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