चंदौलीप्रशासन एवं पुलिसराज्य/जिला

चंदौली के इस दारोगा की दबंगई, महज इतनी सी बात पर युवकों को हिरासत में लिया

चंदौली/मिर्जापुर।  जब मुगलसराय पुलिस की अवैध वसूली लिस्ट वायरल हुई थी तब ये दारोगा जी चंधासी के चाौकी प्रभारी थे। जांच के बाद थानेदार और एसपी तक नप गए लेकिन दारोगा जी को पदोन्नत कर बबुरी थाने का प्रभार दे दिया गया। अब इनकी दबंगई के चर्चे सुर्खियां बटोर रहे हैं। बुधवार को ऐसा ही एक मामला सामने आया। आरोप है कि एसओजी टीम के साथ दबिश देने जा रहे बबुरी थाना प्रभारी सत्येंद्र विक्रम सिंह ने दो युवकों को इसलिए हिरात में ले लिया क्योंकि उन्होंने अचानक अपनी कार का ब्रेक लगा दिया। इतनी सी बात पर दोनों युवकों को अपने साथ 14 किमी दूर मिर्जापुर के अहरौरा थाने पर ले गए जबकि घटनास्थल अदलहाट थाना क्षेत्र में था। जानकारी के बाद जब परिजन और ग्रामीण अहरौरा थाने पर पहुंचे और विरोध किया तब जाकर युवकों को छोड़ा गया। अब परिवार वाले बबुरी पुलिस पर पद के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।


जनता के बीच बबुरी पुलिस की अच्छी छवि नहीं जा रही। अब दूसरा किस्सा भी सुन लिजिए। अहरौरा क्षेत्र के पहाड़ी गांव निवासी दीपक सिंह अपने मित्र विक्रांत वर्मा के साथ अदलहाट जा रहे थे। वाराणसी शक्तिनगर मार्ग पर पटेल नगर मिल के पास अचानक अपनी कार रोक दी। पीछे से बबुरी थाना प्रभारी सत्येंद्र विक्रम एसओजी टीम के साथ सादे ड्रेस में कहीं दबिश देने जा रहे थे। अब कार रुकी तो दारोगा जी के वाहन को भी अचानक ब्रेक लगाना पड़ा। बस इतनी सी बात उन्हें नागवार गुजारी और गाड़ी से उतरकर युवकों के पास पहुंचे। कार का शीशा खुलवाने लगे। युवकों से कुछ बहस हुई तो उन्हें अपने साथ बैठा लिया और 14 किमी दूर अहरौरा थाने पर ले गए। परिवारीजन और ग्रामीण पहुंचे तब जाकर दारोगा जी झुके और युवकों को छोड़ा। इस घटना की काफी चर्चा रही। बबुरी थाना प्रभारी सत्येंद्र विक्रम सिंह का कहना है कि मामला अहरौरा थाना क्षेत्र का था। युवकों ने विवाद किया जिसके बाद उन्हें अहरौरा थाने ले जाया गया। बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।

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