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Chandauli News : हर्षोल्लास के साथ मना एलबीएस का स्थापना दिवस, उमंग में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम

चंदौली। लाल बहादुर शास्त्री स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पंडित पारसनाथ तिवारी परिसर नियमताबाद में महाविद्यालय का स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो आनंद कुमार त्यागी, डा एसएन दुबे, प्रोफेसर प्रदीप कुमार पांडेय, प्रोफेसर धर्मेंद्र कुमार सिंह, प्राचार्य उदयन मिश्र एवं प्रबंधक राजेश कुमार तिवारी ने मां सरस्वती, लाल बहादुर शास्त्री एवं पंडित पारसनाथ तिवारी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर किया। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम उमंग में गीत-संगीत की मनमोहक प्रस्तुति से लोगों को झूमने पर विवश कर दिया।

 

इस अवसर पर प्रोफेसर आनंद कुमार त्यागी ने कहा कि वाराणसी के गंगा पार का यह क्षेत्र अपने जुझारू नागरिकों के कारण बहुत प्रतिष्ठित रहा है। लाल बहादुर शास्त्री इसके प्रत्यक्ष प्रमाण हैं।  स्थापना दिवस के कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में मानवीय गुणों को विकसित करने का होता है तभी व्यक्ति एक अच्छा नागरिक बन सकता है। प्रत्येक युवा को अपनी क्षमता का आकलन करना चाहिए और अपने सामर्थ्य के अनुसार अपने लक्ष्यों का निर्धारण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्लासरूम टीचिंग का कोई भी विकल्प नहीं है। भौतिक रूप से कक्षा में बैठकर जो ज्ञान हम प्राप्त करते हैं वह हमें अपने कार्यों को करने के लिए प्रेरणा प्रदान करता है। आज के युवाओं में तीन बातों का होना अत्यंत आवश्यक है- ज्ञान कौशल एवं मानवीय गुण। तीनों गुण अगर किसी युवा में आ जाएं तो वह अपने आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेगा और देश को विकसित राष्ट्र बना पाने में अपनी भूमिका अदा कर सकेगा। हमारे लिए यह अत्यंत सौभाग्य की बात है कि आज हमें स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय पंडित पारसनाथ तिवारी की कर्मभूमि पर आने का अवसर मिला है, इसके लिए मैं महाविद्यालय परिवार का आभारी रहूंगा। विशिष्ट अतिथि प्रो प्रदीप कुमार पांडेय ने कहा कि  आज यहां पर आकर मैं अपने आप को बहुत सौभाग्यशाली मानता हूं। छात्र-छात्राओं ने मोहक प्रस्तुति से मन मोह लिया। आज हम इतने सुंदर प्रवेश में अद्भुत सुविधाओं के साथ स्थापना दिवस के कार्यक्रम को मना रहे हैं। धर्मेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि किसी भी महान कार्य को करने के लिए बुनियाद का मजबूत होना अत्यंत अनिवार्य होता है। डॉक्टर एसएन दुबे ने कहा कि दृढ़ता और आत्मविश्वास से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। यह प्रेरणा हमे पंडित पारसनाथ तिवारी के व्यक्तित्व से मिलती है। इसी प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम की कल्पना पंडित जी किया करते थे।  उनका मानना था कि सांस्कृतिक गतिविधियां व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारती है। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रबंध समिति के सदस्य पीएन सिंह, वीरेन्द्र कुमार, संजय, रितेश तिवारी, कमलेश तिवारी, शिवजी तिवारी,पूर्व प्राध्यापक डॉक्टर दीनबंधु तिवारी, मुसाफिर सिंह, डॉ आशा गुप्ता, डॉ धनु प्रसाद, डॉ विजयशंकर मिश्रा, बृजभान बघेल, शिवराम चौहान, प्रो योगेंद्र ओझा, प्रोफेसर संजय पांडे प्रोफेसर राजीव कुमार, डॉ वंदना ओझा, प्रोफेसर अमित राय, अरुण पांडेय, डॉ कामेश, डॉ बृजेश, डॉक्टर पंकज, अमितेश, डॉ विवेक, डॉ संजय प्रताप, डॉ आलोक, राहुल, रंजीत, सुनील, सुरेंद्र आदि प्राध्यापक एवं कर्मचारी व छात्र-छात्राए उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रो इशरत जहां, स्वागत प्रो उदयन मिश्र और धन्यवाद ज्ञापन राजेश कुमार तिवारी ने किया।

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