चंदौलीप्रशासन एवं पुलिसराज्य/जिला

भाजपा जिला पंचायत सदस्य भू-माफिया घोषित, मुश्किल हो गई आगे की डगर

चंदौली। गुनाहोें की लंबी फेहरिस्त को सत्ता पक्ष के संरक्षण से साफ करने के प्रयास में लगे भाजपा के जिला पंचायत सदस्य गोपाल सिंह बबलू की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। सकलडीहा के तत्कालीन एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा की रिपोर्ट पर गोपाल सिंह का नाम भू-माफिया के रूप में शासन के पोर्टल पर दर्ज हो गया है। गोपाल सिंह पर बलुआ थाने में आर्म्स एक्ट, गुंडा एक्ट सहित एक दर्जन आपराधिक मामले पहले से ही दर्ज हैं। कुछ वर्ष पहले मादक पदार्थ की तस्करी के आरोप में जेल भी जा चुके हैं। जबकि पैत्रिक गांव पपौरा में तालाब की जमीन पर अवैध निर्माण मामले में एसडीएम कोर्ट से नोटिस भी जारी की जा चुकी है।

एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा ने  बुधवार को जिला पंचायत सदस्य गोपाल सिंह की आपराधिक कुंडली सोशल मीडिया पर जारी कर दी। बताया कि गोपाल सिंह के खिलाफ गांव पपौरा में तालाब की भूमि पर किए गए वृहद अतिक्रमण के संबंध में पहले ही वाद दर्ज कर बेदखली और ध्वस्तीकरण की कार्यवाही संचालित करते हुए नोटिस जारी की जा चुकी है। सरकारी तालाब पर अवैध अतिक्रमण कर बनाए गए दो मंजिला मकान के अतिरिक्त ग्राम खरेड़ा, परगना महुआरी, सकलडीहा स्थित आराजी नंबर 95 में अपने वैधानिक रकबे से कहीं अधिक भूमि पर दबंगई से अवैध रूप से कब्जा कर तीन मंजिला भव्य इमारत तैयार कर ली है। इस संबंध में भी वाद दर्ज कर बेदखली एवं ध्वस्तीकरण की कार्रवाई प्रचलित की गई है। बताया कि गोपाल सिंह हिस्ट्रीशीटर नंबर 25ए के विरुद्ध थाना बलुआ, अब तक लगभग नौ एफआईआर दर्ज हो चुकी है। लगातार प्राप्त हो रही अवैध कब्जे, अवैध अतिक्रमण, दबंगई के बल पर लोगों की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने और आपराधिक इतिहास को देखते हुए इनका नाम भू माफिया के रूप में दर्ज करा दिया गया है।

मुश्किल हो गई आगे की डगर
भू-माफिया घोषित होने के बाद गोपाल सिंह के लिए आगे की राह मुश्किल हो गई है। इनका नाम शासन के भू-माफिया पोर्टल पर दर्ज हो गया। अब शासन स्तर से भी इनपर नजर रखी जाएगी। स्थानीय जिला प्रशासन से भी इनके खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई के बाबत जानकारी ली जाएगी। आगे हैसियत प्रमाण पत्र बनवाने और किसी तरह के लाइसेंस लेने पर काफी मुश्किल होगी। गोपाल सिंह को लेकर भाजपा के स्थानीय नेताओं की भी खूब किरकिरी हो रही है। कुछ नेताओं के लिए गोपाल सिंह को पचा पाना भी मुश्किल हो रहा है। सुशासन और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए जानी जाने वाली योगी सरकार इसपर क्या कार्रवाई करती है यह देखने वाली बात होगी।

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